
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रदूषण और पराली जलाने के मुद्दे पर पंजाब सरकार को फिर फटकार लगाई है. NGT ने प्रदूषण रोकने और पराली जलने पर रोक लगाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर असंतोष जताया. एनजीटी ने कहा कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद पराली में आग लगने की 33000 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं.
दरअसल, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में मान सरकार अभी तक नाकाम रही है. पराली जलाने का असर दिल्ली-एनसीआर तक में दिख रहा है. दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर में बनी हुई है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को धान की खेती के बजाय अन्य विकल्प तलाशने की सलाह दी है.
अब एनजीटी ने इस मुद्दे पर पंजाब सरकार को खरी खरी सुनाई है. एनजीटी ने कहा कि पंजाब सरकार पराली जलाने के आरोपियों पर मुकदमा चलाने में भी सेलेक्टिव रवैया अपना रही है. एनजीटी ने पंजाब सरकार की ओर से पेश काउंसिल से कहा, एक दिन में 1500 से ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुईं, आपकी ओर से क्या कार्रवाई हुई? इस पर पंजाब सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि 829 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
इस पर एनजीटी ने कहा, यह कुल केस का एक चौथाई है. सब पर बराबर की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. एनजीटी ने पंजाब सरकार से कहा, एआईआर एक्ट के तहत 32 मामले क्यों दर्ज किए गए हैं? जबकि कुल मिलाकर करीब 32700 मामले हैं. क्या स्थानीय प्रशासन की इन लोगों से कोई दुश्मनी होगी?