
NIA ने पाकिस्तान में बैठकर भारत की सरजमीं पर बैठकर भारत के खिलाफ षडयंत्र की साजिश रचने वाले आतंकी की संपत्ति कुर्क कर ली है. जांच एजेंसी ने अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक और मुख्य कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ लट्राम की श्रीनगर स्थित संपत्ति कुर्क कर ली है.
कुख्यात जरगर को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के साथ ही कंधार हाईजैक में छुड़ा लिया गया था. 1999 में कंधार में अपहरण किए गए इंडियन एयरलाइंस के विमान 814 (IC 814) के यात्रियों के बदले मसूद के साथ ही जरगर को भी छोड़ गया था. आतंकी जरगर 1989 में पूर्व गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण में भी शामिल था.
दो घरों को किया गया कुर्क
श्रीनगर के गनई मोहल्ला जामिया मस्जिद नौहट्टा श्रीनगर में जरगर के दो घरों को कुर्क किया गया है. प्रक्रिया एनआईए की टीम ने जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर की है. जरगर के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज है. वह अपनी रिहाई के बाद से ही पाकिस्तान में बैठकर काम कर रहा है और घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है.
अल-कायदा से गहरे संबंध
इससे पहले जरगर जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी लेता था. वह हत्याओं सहित कई जघन्य अपराधों में भी शामिल रहा है. अल-कायदा और जेएम जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ उसके घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं.
UAPA के तहत आतंकी घोषित
जरगर को केंद्र सरकार ने यूएपीए की चौथी अनुसूची के तहत आतंकवादी घोषित किया था. वह श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में पला-बढ़ा और जेकेएलएफ में शामिल हो गए. 1989 में वह रुबैया सईद का अपहरण करने वाले सदस्यों में से एक था, और पांच आतंकवादियों के बदले में उसकी रिहाई के लिए बातचीत की गई थी. जरगर को 15 मई 1992 को गिरफ्तार किया गया था और 31 दिसंबर 1999 को कंधार हाईजैक के बदले रिहा किया गया था.