
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी मामले में म्यांमार के तीन नागरिकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. ये सभी भारत-बांग्लादेश सीमा के पार भारत में विदेशी नागरिकों, मुख्य रूप से रोहिंग्या मूल के अवैध घुसपैठ और तस्करी से जुड़े काम में शामिल थे.
कई अन्य विदेशी नागरिकों को घुसपैठ कराना चाहते थे आरोपी
आरोपियों की पहचान रबी इस्लाम उर्फ रबीउल इस्लाम, शफी आलम उर्फ सोफी अलोम उर्फ सईदुल इस्लाम और मोहम्मद उस्मान के रूप में हुई है. ये सभी म्यांमार के माउंगडॉ जिले के स्थायी निवासी हैं. NIA की जांच के अनुसार, वे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना तस्करों और दलालों की मिलीभगत से अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके थे. एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि वे अनधिकृत और अवैध माध्यम से कई अन्य विदेशी नागरिकों की घुसपैठ कराना चाहते थे.
सभी विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल तस्करों और दलालों के एक नेटवर्क का हिस्सा थे. वे रोहिंग्या पुरुषों से शादी के झूठे वादे पर बांग्लादेश में शरण लेने वाली कमजोर रोहिंग्या महिलाओं को भारत में लाने की फ़िराक में थे.
NIA की जांच में दस्तावेजों की जालसाजी के उदाहरण और सबूत भी सामने आए हैं. NIA को यह भी जानकारी मिली कि रबी इस्लाम और मोहम्मद उस्मान ने धोखाधड़ी से आधार कार्ड बनवाए. दोनों ने इन कार्डों का इस्तेमाल कई सिम कार्ड हासिल करने और बैंक खाते खोलने के लिए भी किया था, जिससे उनकी असली पहचान भी छिप गई.
इस आरोप पत्र के साथ NIA ने 7 नवंबर 2023 को मामले की जांच शुरू की थी. जांच एजेंसी ने एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करने में सफलता पाई है.