
दिल्ली की NIA अदालत ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश में शामिल होने और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सदस्य होने से संबंधित मामले में इंडियन मुजाहिदीन (IM) के 4 आतंकियों को दोषी ठहराया. NIA ने दानिश अंसारी, ओबैद-उर-रहमान, इमरान खान और आफताब आलम को दोषी ठहराया.
अप्रैल में NIA की विशेष अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल और 10 कथित गुर्गों के खिलाफ आरोप तय करने और मुकदमा शुरू करने का भी निर्देश दिया था, जिन्होंने खुद को दोषी नहीं बताया और उसी मामले में मुकदमा चलाने का दावा किया. NIA की विशेष अदालत अब बुधवार 12 जुलाई को चारों दोषी आतंकियों के खिलाफ सजा सुनाएगी.
अप्रैल में सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे की संपत्तियों को किया था कुर्क
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे की संपत्तियों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कुर्क कर लिया था. जम्मू कश्मीर के बडगाम में स्थित इन संपत्तियों की कुर्की को लेकर एनआईए ने वहां एक बोर्ड भी लगाया था. बता दें कि सैयद घोषित आतंकवादी है और उसके खिलाफ एनआईए ने यह कार्रवाई यूएपीए एक्ट के तहत की थी.
कौन है सलाहुद्दीन सैयद
सलाहुद्दीन का असली नाम सैयद मोहम्मद युसूफ शाह. वह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का मुखिया है जो कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है और सीमापार से आतंकी भेजता है.हिजबुल से पहले वह एंटी-इंडिया आतंकी समूह जिहाद काउंसिल का अध्यक्ष रह चुका है. 2017 में सलाहुद्दीन को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था.