Advertisement

केरल हाईकोर्ट से NIA को झटका, UAPA के दो मामले में 17 PFI कार्यकर्ताओं को मिली जमानत

जांच अधिकारी की ओर से पूछताछ पर आरोपि की NIA के सामने पेश होना होगा. उन्हें केवल एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने की छूट होगी. उनके फोन NIA के जांच अधिकारी के फोन से जोड़े जाने चाहिए. इसके अलावा आरोपी के मोबाइल में 24 घंटे लोकेशन ऑन होनी चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
शिबिमोल
  • तिरुवनंतपुरम,
  • 25 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA (National Investigation Agency) को झटका देते हुए केरल हाईकोर्ट ने दो मामलों में आरोपी 17 पीएफआई कार्यकर्ताओं को जमानत दे दी है. NIA ने UAPA के तहत दो मामले दर्ज किए थे, जिनमें पॉपुलर फ्रंट पर प्रतिबंध और पलक्कड़ आरएसएस नेता श्रीनिवासन हत्याकांड का नाम था. न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और श्यामकुमार वीएम की खंडपीठ ने दोनों मामलों में 17 आरोपियों को जमानत दे दी. 

Advertisement

आरोपियों को पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने होंगे
इस बीच हाईकोर्ट ने इस मामले में नौ अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी. एसडीपीआई के राज्य नेता करमना अशरफ मौलवी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. 17 आरोपियों को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी गई है. जिन आरोपियों को जमानत दी गई है, उन्हें अपने पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने होंगे. वे विशेष अदालत की अनुमति के बिना केरल नहीं छोड़ेंगे. उन्हें NIA के जांच अधिकारी को यह बताना होगा कि जमानत पर रहने की अवधि के दौरान वे कहां रहेंगे. 

मोबाइल में 24 घंटे लोकेशन ऑन रखना होगा
जांच अधिकारी की ओर से पूछताछ पर NIA के सामने पेश होना होगा. उन्हें केवल एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने की छूट होगी. उनके फोन NIA के जांच अधिकारी के फोन से जोड़े जाने चाहिए. इसके अलावा आरोपी के मोबाइल में 24 घंटे लोकेशन ऑन होनी चाहिए. हाईकोर्ट का सख्त निर्देश है कि NIA को आरोपी की लोकेशन का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए. 

Advertisement

NIA ने UAPA एक्ट के तहत मर्ज कर दिया था
मालूम हो कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 28 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगा दिया गया था. प्रतिबंध के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 65 पॉपुलर फ्रंट कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले के छह आरोपी पलक्कड़ के RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या मामले में भी शामिल थे. बाद में दोनों मामलों की चार्जशीट को NIA ने UAPA एक्ट के तहत मर्ज कर दिया था. 

कोच्चि NIA स्पेशल कोर्ट ने पहले मामले में 26 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके खिलाफ अपील में हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. श्रीनिवासन की हत्या कथित तौर पर एसडीपीआई कार्यकर्ता सुबैर की हत्या का बदला लेने के लिए की गई है. श्रीनिवासन की हत्या से एक दिन पहले सुबैर की पलक्कड़ में आरएसएस कार्यकर्ताओं की ओर से कथित तौर पर हत्या कर दी गई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement