Advertisement

मध्य प्रदेश: जबलपुर समेत 13 जगहों पर NIA की रेड, टेरर केस में बड़ा एक्शन

हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद से उनके कनेक्शन जानने के लिए NIA ने एमपी की 13 जगहों पर रेड मारी है. एमपी एटीएस की रेड में 16 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था. 6 की रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.

9 मई की रेड में पकड़े गए थे 16 संदिग्ध. 9 मई की रेड में पकड़े गए थे 16 संदिग्ध.
जितेंद्र बहादुर सिंह/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:11 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने एमपी के जबलपुर सहित 13 स्थनों पर रेड मारी है. टेरर रिलेटेड केस में एनआईए की यह रेड शनिवार देर को डाली गई थी जो अभी भी जारी है. सूत्रों के मुताबिक, इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के मामले में रेड डाली गई है.

सूत्रों के मुताबिक, एमपी के जबलपुर और भोपाल से कुछ दिन पहले पकड़े गए हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के सदस्यों के तार अन्य राज्यों से जुड़े होने के साथ-साथ उनके अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन भी हो सकते हैं. इसी का पता लगाने के लिए रेड डाली गई है.

Advertisement

अलग-अलग जगहों से हुए थे गिरफ्तार

बता दें कि, 9 मई को मध्य प्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मध्य प्रदेश और तेलंगाना से 16 संदिग्धों को हिरासत में लिया था. इसमें भोपाल से 10, छिंदवाड़ा से एक और तेलंगाना से 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था.

देश विरोधी कई दस्तावेज हुए थे बरामद

इनके पास से हिज्ब-उत-तहरीर के देश विरोधी कई संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए थे. पूछताछ में कई खुलासे भी हुए हैं. आरोपियों में से तीन लड़के पहले हिंदू थे, लेकिन बाद में उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया था. यही नहीं, उन्होंने अन्य हिंदू युवतियों को भी इस्लाम धर्म कबूल करवा दिया और उनसे शादी कर ली. इनमें से भोपाल से सटे बैरसिया का रहने वाला सलीम उर्फ सौरभ भी है. बताया जा रहा है कि जाकिर नाइक के वीडियो देखकर सौरभ का ब्रेन वॉश हुआ था.

Advertisement

कोर्ट में किए गए थे पेश

19 मई को कट्टरपंथी आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना से गिरफ्तार किए गए 16 संदिग्ध आतंकियों को भोपाल कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश रघुवीर पटेल की कोर्ट में पेश में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया था. इनमें से 10 संदिग्धों को कोर्ट ने 24 मई तक एटीएस को फिर से रिमांड पर सौंप दिया. वहीं, 6 की रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया.

बचाव पक्ष ने किया रिमांड का विरोध

बचाव पक्ष 24 मई तक बढ़ाई गई रिमांड का विरोध करते भोपाल कोर्ट में हुए नजर आया. बचाव पक्ष का कहना था कि 10 दिनों की रिमांड में एटीएस कोई मजबूत तथ्य नहीं ला पाई है. इसके चलते फिर से रिमांड पर सौंपना उचित नहीं है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement