
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद से जुड़े मामलों के सिलसिले में आज जम्मू-कश्मीर के सात जिलों - श्रीनगर, पुलवामा, अवंतीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुंछ और कुपवाड़ा में 15 स्थानों पर छापेमारी की है. NIA पिछले 20 दिनों में 70 से ज्यादा जगह पर आतंकियों और उनके समर्थकों पर छापेमारी कर चुकी है.
G20 की बैठक से पहले NIA आतंकियों की कमर तोड़ने में जुटी हुई है. यह खुफिया इनपुट मिले थे कि सीमापार बैठे आतंकियों के आका जी20 बैठक से पहले अपने गुर्गों को इनक्रिप्टेट मैसेज भेज रहे थे और घाटी में हालात बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक, जांच में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो रही है वो अंडर ग्राउंड वर्कर या आतंकियों के बिचौलिये का काम कर रहे हैं और मैग्नेटिक बम तथा स्टिकी बम की सप्लाई में शामिल हैं. ये लोग पाकिस्तान के शह पर नौजवानों को ऑनलाइन भड़काने का काम करते हैं.
खबर के मुताबिक, षड्यंत्रकारियों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में आईईडी और छोटे हथियारों के साथ हिंसक आतंकवादी हमले करना था और इसके लिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें आतंकी बनाना और उनके जरिए बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देना था.
ये छापे आतंकी साजिश के मामले में एनआईए की चल रही उस जांच का हिस्सा थे, जिसमें खुफिया तरीके से हाल में बने नए आतंकी संगठनों को मदद की जा रही थी. इन आतंकी संगठनों में द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफजेएंडके) मुजाहिदीन गज़ावत-उल-हिंद (MGH), जम्मू फ्रीडम फाइटर्स (JKFF), कश्मीर टाइगर्स, PAAF,शामिल हैं जो घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम देते हैं.
NIA के कहने पर इस महीने 14 मोबाइल ऐप्स बैन किए गए हैं. कश्मीर में आयोजित होने वाली जी 20 बैठक में कुल 200 डेगीगेट्स इसमें होंगे, जिनमें 80 डेलीगेट जी-20 के देशों से होंगे.पाकिस्तान अब कश्मीर में G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक का बहिष्कार करने के लिए विरोध प्रदर्शन और सोशल मीडिया अभियान चला रहा है. इसके लिए कई टूल किट का इस्तेमाल भी कर रहा है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक भारत विरोधी और प्रदर्शनकारियों के 100 से ज्यादा प्रोफाइल और मोबाइल नंबर मिले, जो G 20 बैठक के विरोध और बहिष्कार से जुड़ी जानकारियां पोस्ट कर रहे हैं.
कई यूजर्स ऐसे मिले जिन्होंने 22-24 मई के बीच होने वाली मीटिंग के विरोध में कई हैशटैग बनाए हैं. ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक, Twitter Storm घाटी में G20 के खिलाफ गलत सूचना फैलाने के लिए 11 मई को चलाया गया पाकिस्तान का ऐसा ही एक ऑनलाइन अभियान था. बैठक के खिलाफ रावलकोट और पीओके में विरोध प्रदर्शन किया गया.