
बेंगलुरु के रामेश्वर कैफे ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले की साजिश विदेश से रची गई थी. वहीं, ब्लास्ट का हैंडलर 'कर्नल' कोड नाम से था. इस मामले में आज NIA बेंगलुरु कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी. सूत्रों के मुताबिक 5 लोगों के खिलाफ NIA चार्जशीट दाखिल कर सकती है.
सूत्रों के मुताबिक 'कर्नल' कोड नाम का शख्स ब्लास्ट करने वाले आरोपियों के संपर्क में था. मॉड्यूल के साथ जुड़ने के बाद से रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का मुख्य मास्टरमाइंड अब्दुल मथीन ताहा और हमलावर मुसाविर हुसैन शाजिब के संपर्क में था.
जेल से छूटकर साजिश में हुआ शामिल
एनआईए की जांच में पता चला है कि शोएब मिर्जा लश्कर-ए-तैयबा केस में जेल से छूटने के बाद रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट की नई साजिश में शामिल हो गया. जांच एजेंसी को पता चला है कि 2018 में उसने आरोपी अब्दुल मथीन ताहा से दोस्ती की और उसे विदेश में रहने वाले एक संदिग्ध ऑनलाइन हैंडलर से मिलवाया था
ई-मेल आई भी मुहैया कराई
सूत्रों के मुताबिक शोएब मिर्जा ने हैंडलर और अब्दुल मथीन ताहा के बीच एन्क्रिप्टेड मैसेज के लिए एक ई-मेल आईडी भी प्रदान की, जिसे 12 अप्रैल 2024 को सह-आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब के साथ कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया था.
कम तीव्रता का हुआ था धमाका
बता दें कि एक मार्च 2024 को कैफे में बम ब्लास्ट किया गया था. कैफे के ब्रुकफील्ड आउटलेट पर कम तीव्रता का बम धमाका हुआ था. इस धमाके में ग्राहक और होटल कर्मचारी सहित 10 लोग घायल हो गए थे.
1 मार्च, 2024 को दोपहर करीब 1 बजे बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफ़े में एक कम तीव्रता वाला विस्फोट हुआ था.
इस विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पश्चिम बंगाल से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
एक आरोपी का नाम मुसाविर शाजिब हुसैन है, जिसने विस्फोट किया था. दूसरा आरोपी अब्दुल मथीन ताहा है.
NIA ने मुसाविर हुसैन शाज़िब और अब्दुल मथीन ताहा पर 3-3 लाख रुपये का इनाम रखा था. दोनों शिवमोग्गा के ISIS मॉड्यूल से जुड़े हुए थे.