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Mood of the nation में BJP के सामने क्यों नहीं टिका INDIA गठबंधन

देश में अगर आज चुनाव हुए तो इसके नतीजे क्या होंगे, इसके बारे में बताता सीवोटर का सर्वे आया है, आज संसद में वाइट पेपर-ब्लैक पेपर पेश किया गया, बीजेपी यूपीए के 10 सालों का लेखा जोखा क्यों दे रही है और कांग्रेस ने अपने ब्लैक पेपर में क्या आरोप लगाए हैं, क्या BJP-RLD में गठबंधन होने वाला है, क्यों भारत म्यांमार से लगी अपनी सीमा पर बाड़ाबंदी कर रहा है, सुनिए दिन भर में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.

जमशेद क़मर सिद्दीक़ी
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  • 08 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

चंद महीनों में देश का सबसे बड़ा चुनावी मेला लगने वाला है. इसके लिए नए चुनावी समीकरण बन रहे हैं और कुछ पुराने टूट भी रहे हैं. चुनावी साल में हर नुककड़- चौराहे पर बस यही चर्चा होती है कि कौन जीत रहा है, सरकार किसकी आ रही है. तो पब्लिक ओपिनियन और ट्रेंड्स पर सर्वे और रिसर्च करने वाली एजेंसी सी वोटर ने 15 दिसंबर 2023 से 28 जनवरी के बीच एक सर्वे किया - मूड ऑफ़ द नेशन. बेसिकली इसमें ये बताया गया है कि देश में अगर आज चुनाव होते हैं तो उसके नतीजे क्या होंगे. इंडिया टुडे और आजतक पर लगातार मूड ऑफ़ द सर्वे से जुड़े आंकड़े दिखाए जा रहे हैं. अब तक के नतीजे केंद्र की सत्ता में बीजेपी की हैट्रिक लगने की तरफ इशारा करते हैं. इस पॉडकास्ट को रिकॉर्ड किये जाने तक 484 सीटों पर सर्वे के नतीजे सामने आ चुके हैं और इनमें बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन 300 का आंकड़ा पार करती नज़र आ रही है.

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इस सर्वे में देश की सभी 543 लोकसभा सीटों से कुल मिलाकर 35 हज़ार लोगों के साथ बातचीत की गई. इसके अलावा सीवोटर के रेगुलर ट्रैकर डेटा से 1 लाख 13 हज़ार लोगों के ओपिनियन भी इकठ्ठा किये गए हैं. अब तक इस सर्वे की जो फाइंडिंग रही है, उस हिसाब से देश में अगर आज चुनाव हुए तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी की झोली में 72 सीटें जा सकती हैं. हालाँकि, राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का दावा है कि वो 80 की 80 सीटें जीतने वाले हैं.

देश का मिजाज़: मोदी लगाएंगे हैट्रिक?


मूड ऑफ़ द नेशन सर्वे के मुताबिक, देश की सबसे ज्यादा संसदीय सीटों वाले UP में बीजेपी का वोट शेयर 49 फीसदी से बढ़कर 52 फीसदी के पार पहुंच सकता है. वहीं कांग्रेस को एक और समाजवादी पार्टी को सात सीटें मिलने का अनुमान सर्वे में लगाया जा रहा है. यूपी में बीजेपी एक बार फिर 2014 वाला परफॉरमेंस दोहराने की वजह क्या है, यूपी के अलावा बीजेपी को और किन राज्यों में फ़ायदा हो सकता है, किन मुद्दों की वजह से बीजेपी को ऐतिहासिक सफ़लता मिलने की संभावना जताई जा रही है, विपक्ष क्यों पीछे रह गया? सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.

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व्हाइट पेपर Vs ब्लैक पेपर

आज मोदी सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में श्वेत पत्र यानी व्हाइट पेपर पेश किया. जिसमें मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के 10 सालों के बारे में आरोप लगाते हुए उनके मैनेजमेंट को आर्थिक कुप्रबंधन यानी इकोनॉमिक मिस मैनेजमेंट कहा है.

इससे पहले आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल को लेकर ब्लैक पेपर पेश किया. पीएम मोदी ने आज राज्यसभा के सांसदों की विदाई के वक़्त पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की तारीफ़ की. राज्यसभा के 68 सदस्य फरवरी से मई के बीच में अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. सरकार के व्हाइट पेपर के जवाब में कांग्रेस ब्लैक पेपर लेकर आई. इसमें कांग्रेस ने क्या-क्या आरोप लगाए हैं और किन मुद्दों पर सरकार को घेरा है?  सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.


दिल्‍ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 149 गांवों के किसान आज हजारों की संख्‍या में किसान संसद की तरफ कूच कर रहे थे, हालांकि उन्हें दिल्‍ली बॉर्डर पर ही पुलिस ने रोक दिया. जिसके चलते किसान वहीं धरने पर बैठ गए. जिसके चलते दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भयंकर जाम जैसी स्थिति देखने को मिले. देर शाम उन्होंने अपना धरना ख़त्म भी कर दिया. इस बीच ये भी ख़बर चल रही है कि ख़ुद को किसानों की पार्टी कहने वाली आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोक दल की बीजेपी के साथ गठबंधन की बात चल रही है. बीजेपी ने RLD को चार सीटें ऑफर की है, लेकिन RLD 12 सीट की डिमांड कर रही है. फ़िलहाल गठबंधन की खिचड़ी पूरी पकने में अभी टाइम है, लेकिन जाटलैंड में मजबूत मानी जाने वाली आरएलडी आख़िर क्यों बीजेपी के साथ चुनावी दंगल में उतरना चाहती है. RLD और बीजेपी की बातचीत किसी ओर बढ़ती दिख रही है, बीजेपी को RLD की ज़रूरत क्यों महसूस हो रही है? सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

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RLD को क्यों चाहिए BJP का साथ?

हमारा एक पड़ोसी देश है, म्यांमार. मिज़ोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से इसका क़रीब 1600 किलोमीटर का बॉर्डर लगता है. 2021 में हुए तख्तापलट के बाद म्यांमार में गृह युद्ध चल रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं. पिछले साल नवम्बर-दिसम्बर महीने में मिज़ोरम पुलिस के हवाले से काफी लोगों और सैनिकों की म्यांमार की तरफ से भारत में घुसने की ख़बरें आ रही थीं. इसके बाद पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत-म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग यानी बाड़ेबंदी की जाएगी. आज दोपहर गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर बताया कि दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट रिजीम को ख़त्म करने का फैसला लिया गया है. तो सरकार को म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई, इस फैसले के बाद लोकल लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? फेंसिंग कितनी प्रैक्टिकल है, किस तरह की दिक्कतें आएंगी? सुनिए 'दिन भर' की आखिरी ख़बर में.


 

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