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निठारी हत्याकांड: सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ याचिकाओं पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

मई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली पीड़ितों में से एक के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की. कोली को 28 सितंबर, 2010 को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को 2006 के निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह मामला यूपी के निठारी में हुई 'बहुत गंभीर और वीभत्स' हत्याओं से जुड़ा है. कोली के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जो मामले में पुलिस हिरासत में रहने के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था.

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पीठ ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह अन्य संबंधित मामलों में ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को तुरंत तलब करे और मामले में उपस्थित वकीलों को इसकी कॉपी उपलब्ध कराए. सुनवाई 25 मार्च को तय की गई है. 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और यूपी सरकार द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं की जांच करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें 16 अक्टूबर, 2023 को कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. पीठ ने याचिकाओं पर कोली से जवाब मांगा था.

28 सितंबर, 2010 को सुनाई गई थी मौत की सजा
मई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली पीड़ितों में से एक के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की. कोली को 28 सितंबर, 2010 को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके घरेलू सहायक कोली पर यूपी के निठारी में अपने पड़ोस में लोगों, ज्यादातर बच्चों के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप था.

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हाई कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा के मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके अपराध को 'उचित संदेह से परे' साबित करने में विफल रहा है, जबकि इसे 'खराब' जांच कहा. कोली को 12 मामलों में और पंढेर को दो मामलों में दी गई मौत की सजा को पलटते हुए, हाई कोर्ट ने कहा कि जांच 'जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात से कम नहीं है.'

2007 में दोनों के खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे
हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर द्वारा दायर कई अपीलों को स्वीकार कर लिया, जिन्होंने गाजियाबाद में सीबीआई अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को चुनौती दी थी. 2007 में दोनों के खिलाफ कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे और सीबीआई ने सबूतों के अभाव में तीन मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी. कोली को बचे 16 मामलों में से तीन में बरी कर दिया गया था और एक मामले में उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था.

29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी की सीमा से लगे नोएडा के निठारी में पंढेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के बाद हत्याओं का खुलासा हुआ. घर के आस-पास के इलाके में नालों की खुदाई और तलाशी के दौरान और भी कंकाल मिले. इनमें से ज्यादातर अवशेष बच्चों और युवतियों के थे जो इलाके में लापता हो गए थे.

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