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गाय के गोबर से खादी इंडिया ने बनाया प्राकृतिक पेंट, नितिन गडकरी ने किया लॉन्च

पेंट की कीमत बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि एक लीटर डिस्टेंपर की कीमत 120 रुपये होगी तो इमल्शन की 225 रुपये प्रति लीटर होगी. गडकरी ने कहा कि अन्य कंपनियों के पेंट की कीमतों की तुलना में ये बेहद कम है.

खादी इंडिया का गाय के गोबर से बना ‘वैदिक पेंट’ लॉन्च  खादी इंडिया का गाय के गोबर से बना ‘वैदिक पेंट’ लॉन्च
अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST
  • गाय के गोबर से बना प्राकृतिक पेंट लॉन्च
  • किसानों की आय बढ़ेगी: नितिन गडकरी
  • 'एक लीटर डिस्टेंपर की कीमत 120 रुपये'

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को गाय के गोबर से बना प्राकृतिक पेंट लॉन्च किया. खादी इंडिया की ओर से बनाया गया ये पेंट एंटीबैक्टीरियल, इको फ्रेंडली और एंटी फंगल है. पेंट को लॉन्च करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी. 
 
पेंट की कीमत बताते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि एक लीटर डिस्टेंपर की कीमत 120 रुपये होगी तो इमल्शन की 225 रुपये प्रति लीटर होगी. गडकरी ने कहा कि अन्य कंपनियों के पेंट की कीमतों की तुलना में ये बेहद कम है. खादी प्राकृतिक पेंट दो रूप में उपलब्ध है. पहला डिस्टेंपर पेंट और दूसरा प्लास्टिक इमल्शन पेंट. 

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एंटी-वायरल, बदबू रहित

यह प्राकृतिक पेंट पूरी तरह गंधहीन है और इसमें आम डिस्टेंपर या पेंट की तरह विषैले पदार्थ भी नहीं हैं. इतना ही नहींं, गोबर से बना होने के चलते इसमें एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज हैं. कोरोना वायरस के दौर में लोगों का रुझान एंटी-वायरल टूथब्रश से लेकर लेमिनेट्स तक बढ़ा है. ऐसे में यह पेंट कई अन्य कंपनियों के एंटी-वायरल पेंट को प्रतिस्पर्धा भी देगा. आम पेंट में सीसा (लेड), पारा (मरकरी), कैडमियम, क्रोमियम जैसी हानिकारक भारी धातुएं होती हैं. खादी के ‘प्राकृतिक पेंट’ में ऐसी कोई धातु नहीं है. 

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कैसे बना ये पेंट

एमएसएमई मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक ‘खादी वैदिक पेंट’ का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के विचार के अनुरूप है. खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने मार्च 2020 में इसकी अवधारणा रखी. बाद में जयपुर के कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट ने इसे विकसित किया.

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ग्राहकों के लिए सस्ता, किसानों के लिए लाभदायक

वैदिक पेंट का मुख्य अवयव है कि गोबर होने से यह आम पेंट के मुकाबले सस्ता पड़ेगा. इससे रंग-रोगन कराने पर ग्राहकों की जेब कम ढीली होगी. वहीं यह देश के किसानों की आय बढ़ाने वाला होगा. बयान के मुताबिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से इसकी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा.

इससे गोबर की खपत बढ़ेगी, जो किसानों की आय बढ़ाने में काम आएगी. सरकार के अनुमान के हिसाब से यह किसानों या गोशालाओं को प्रत्येक वर्ष प्रति पशु पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त आय पैदा करके देगा.


 

 
 

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