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नितिन गडकरी को मिली धमकी की जांच के लिए NIA की टीम आज नागपुर जाएगी 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मिली धमकी और वसूली की जांच के लिए एनआईए की टीम आज नागपुर जाएगी. पहले इस मामले में नागपुर पुलिस जांच कर रही थी. पुलिस ने इस मामले में बेलगांव जेल से आरोपी जयेश पुजारी को गिरफ्तार किया था.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धमकी और वसूली मांगने के मामले की जांच के लिए एनआईए की टीम आज नागपुर जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की टीम पुलिस से केस से जुड़े सभी दस्तावेज लेने के बाद अपनी जांच शुरू करेगी. 

नितिन गडकरी को जनवरी और मार्च में 110 करोड़ की वसूली और उड़ाने की धमकी मिली थी. नागपुर पुलिस ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है.   

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बेलगांव की जेल से गिरफ्तार हुआ था आरोपी 

इस मामले में नागपुर पुलिस ने जयेश पुजारी नामक गैंगस्टर को बेलगांव की जेल से गिरफ्तार किया था. बेलगांव की जेल से ही गैंगस्टर द्वारा कॉल किए जाने के सुराग मिलने के बाद गिरफ्तारी हुई थी. नागपुर पुलिस की जांच में जयेश पुजारी के टेरर संगठनों से लिंक होने के अहम सुराग मिले थे, जिसके बाद इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था. 

बेंगलुरु में दर्ज हुआ था केस

केंद्रीय मंत्री को धमकी देने के मामले में एनआईए ने बेंगलुरु में मामला दर्ज किया था और केंद्रीय एजेंसी की मुंबई इकाई को जांच करने का निर्देश दिया गया था. एनआईए की टीम गिरफ्तार किए गए आरोपी के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और अंडरवर्ल्ड से संबंध की जांच करेगी.  

14 जनवरी को दिया था धमकी भरा कॉल

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पुलिस ने बताया था कि बीते 14 जनवरी को पुजारी ने नागपुर में गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में धमकी भरा फोन किया और 100 करोड़ रुपये की मांग की और दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य होने का दावा किया. उस समय वह पड़ोसी राज्य कर्नाटक की एक जेल में बंद था. 

28 मार्च को लाया गया नागपुर

पुलिस ने कहा कि उसने 21 मार्च को एक और फोन किया, जिसमें नागपुर से भाजपा के लोकसभा सांसद को 10 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने पर नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई थी. पुजारी को गिरफ्तार कर 28 मार्च को कर्नाटक के बेलगावी शहर की एक जेल से नागपुर लाया गया और उसके खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लागू किया गया.
 

 

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