
बिहार में जारी सियासी उठापटक के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) यहां (I.N.D.I.A.) रहते तो प्रधानमंत्री बन सकते थे. यहां प्रधानमंत्री पद के लिए किसी का भी नंबर लग सकता है. नीतीश को गठबंधन के संयोजक या कोई अन्य बड़ा पद भी दिया जा सकता था.
अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को आगे आना चाहिए. इंडिया गठबंधन को लेकर और उनसे (नीतीश कुमार) कांग्रेस को जो तत्परता दिखानी चाहिए थी, वो नहीं दिखाई. उनसे बात करनी चाहिए थी. सपा मुखिया ने कहा, मैं चाहता हूं कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में रहें. उन्होंने ही पहल करके इंडिया गठबंधन को बनाया था.
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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की नाराजगी की वजह क्या है, उस पर बात की जा सकती है. उनकी बातों को सुना जा सकता है. मैं समझता हूं कि जब उनसे बात की जाएगी तो कोई रास्ता निकलेगा. वहीं कांग्रेस की न्याय यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि मुझको न्योता नहीं दिया गया. यह कांग्रेस पार्टी की न्याय यात्रा है. जब समाजवादी पार्टी को बुलाया जाएगा, हम विचार करेंगे.
अखिलेश ने कहा कि यह समय सीटों के बंटवारे का है. ताकि प्रत्याशी अपने क्षेत्र में काम कर सकें. सीटों का बंटवारा ठीक समय पर होना चाहिए. राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के बाद तय होगा कि कौन इस पद पर बैठेगा. कोई भी प्रधानमंत्री हो सकता है.
आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ मिलकर कैंपेन करने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, अभी कहना मुश्किल है. यह तो समय ही बताएगा कि उनके साथ कैंपेन होगा या नहीं. मैं प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं हूं. जहां पर रीजनल पार्टी मजबूत हैं, वहां उनको तरजीह दी जानी चाहिए. राम मंदिर के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा (BJP) राम मंदिर (Ram Mandir) से राजनीति कर रही है. इसको लेकर ही भाजपा राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश कर रही है.
उपेंद्र कुशवाहा ने उठाए सवाल
बताते चलें कि बिहार में सियासी हलचल और तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश 28 जनवरी को बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं. ऐसे में नीतीश के एक बार फिर एनडीए में आने को लेकर उनके पुराने सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने उन पर सवाल उठाए हैं.
उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने कहा, 'अभी चर्चा है कि (नीतीश कुमार) फिर NDA गठबंधन में आएंगे. यह बात तो सही है कि जहां हैं वहां नीतीश जी काफी परेशान हैं. इसलिए वहां से निकलना चाहते हैं. अगर भाजपा के साथ गठबंधन में आएंगे तो फिर लोकसभा चुनाव के बाद साथ में रहेंगे या नहीं, यह भी एक बड़ा सवाल है.'
'हमारे गठबंधन में जो आएगा उसका स्वागत होगा'
उधर, आजतक से बातचीत में एक जेडीयू नेता ने कहा, पीएम मोदी की बिहार के बेतिया में होने वाली रैली से पहले नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार बना लेंगे. वहीं, बिहार बीजेपी के विधायक नितिन नवीन ने कहा, 'हमारे गठबंधन में जो आएगा उसका स्वागत होगा. दरवाजा बंद और खुला रहना राजनीति में कोई बात नहीं होती है'.
'पार्टी का हाईकमान इस मामले में निर्णय लेगा. अब तो नीतीश कुमार को स्पष्ट करना है कि उनका क्या निर्णय है. प्रधानमंत्री की 4 फरवरी को सभा पूर्व निर्धारित है जो होकर रहेगी. रही बात नीतीश कुमार की तो, वह उसमें शामिल होंगे या नहीं ये समय बताएगा'.
4 फरवरी को बेतिया में होगी प्रधानमंत्री मोदी की रैली
इस सियासी घटनाक्रम के बीच अहम बात ये है कि 30 जनवरी को बिहार के कटिहार में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली होनी है. उसके बाद 4 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी की बेतिया में एक बड़ी रैली होनी है. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी की रैली से पहले नीतीश एक बार फिर बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना सकते हैं. खुद बेतिया में पीएम की रैली के दौरान मंच पर मौजूद रह सकते हैं.