
कल से बिहार में एक बयान चर्चा में है. कुछ दिनों से ये चर्चा तेज हो गई थी कि नीतीश कुमार 2024 तक बिहार का नेतृत्व तेजस्वी को सौंपने का मन बना चुके हैं. कल यही सवाल पत्रकारों ने उनसे पूछ लिया तो उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव 2025 में महागठबंधन को लीड करेंगे. नीतीश कुमार के इस बयान से पहले भी ऐसा हो चुका है. पटना में 21 सितंबर को RJD की राज्य परिषद की बैठक हुई थी. उसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. सभी की उपस्थिति में आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवाइए और उसके बाद मैं भी आपके साथ आश्रम चलूंगा. इस बयान पर नीतीश की चुप्पी से ही चर्चा चल पड़ी. एक बात और कही जा रही है कि दूसरी बार आर्जेडी और जेडीयू के गठबंधन के वक्त आर्जेडी ने नीतीश कुमार से दो साल बाद कुर्सी तेजस्वी को सौंपने की शर्त भी रखी थी. जिसकी वजह से नीतीश कुमार भी इसके लिए तयार हैं. तो कल नीतीश कुमार का ये बयान बिहार और देश की राजनीति के भविष्य के लिहाज से कितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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इन दिनों चीन आधी दुनिया के लिए चिंता बना हुआ है. भारत के साथ उसके बॉर्डर डिसप्यूट्स चल रहे हैं तो कई देशों के साथ अलग अलग मुद्दे पर मतभेद. अमेरिका समेत यूरोप के कई देश इस लिस्ट में हैं. इसी बीच ताइवान की डबल थिंक लैब्स ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट का नाम 'दी चाइना इंडेक्स' है. इसमें उन 82 देशों के नाम है जिन पर चीन का प्रभाव है. पाकिस्तान इस लिस्ट में टॉप पर है. फिर कंबोडिया है, थाईलैंड और सिंगापूर हैं. जर्मनी और अमेरिका भी हैं इस में, 19 वें और 21 वें नंबर पर. लेकिन पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता समझने वाली है. इस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान चीन पर टेक्नोलॉजी के मामले में 97.7 परसेंट, विदेश नीति 81.8 परसेंट निर्भर है. यही हाल उसका शिक्षा और डिफेंस सेक्टर का भी है. पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता तो बहुत पहले से है लेकिन बीते दिनों से पाकिस्तान में जैसे हालात बने है, ये और बढ़ रही है. चीन ने कई प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए हैं पाकिस्तान में. हालांकि चीन और पाकिस्तान की करीबी भारत के लिए कभी अच्छी खबर नहीं रही है. और ये इस बार भी हो रहा है. पाक चीन की ये करीबी किस तरह से भारत को नुकसान पहुंचा सकती है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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एक वायरस है, नाम है जीका वायरस, भारत में पिछले कई सालों से लोगों को परेशान कर रहा है. भारत में पहली बार ज़ीका वायरस का मामला साल 2016-17 में आया था, जब गुजरात में इसके मामले मिले थे. पिछले साल से फिर इसका प्रकोप बढ़ गया. इस बार कर्नाटक में एक पाँच साल की बच्ची इसकी जद में आई है. ये कर्नाटक का पहला केस है. कहा जा रहा है कि ये वायरस शुरुआती तौर पर मच्छरों की देन है लेकिन इसका ट्रांसमिशन मच्छरों तक सीमित नहीं. डब्ल्यूएचओ ने पिछले साल जानकारी दी कि ये सेक्सुअली भी फैल सकता है. साल 1947 में यूगांडा के ज़ीका जंगल में रहने वाले बंदरों में सबसे पहले ये वायरस पाया गया था. उसके बाद 1950 में इंसानों में पाया गया. कहा तो जाता है कि इससे जान का खतरा कम है लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों के लिए ये खतरनाक हो सकता है, और कई बार बच्चों में ये वायरस जन्म के समय ही आ सकता है. इस वायरस से बचने के लिए क्या करना चाहिए? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.