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चीन से नजदीकी बढ़ा रहा नित्यानंद का कैलासा! जिनपिंग की फोटो के साथ किया ये ट्वीट

स्‍वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद फिर से सक्रिय हो गया है. पिछले महीने यूएन में अपने तथाकथित देश कैलासा के प्रतिनिधि भेजने के बाद वह चर्चा में आ गया था. अब उसने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए एक ट्वीट कर नई चर्चा शुरू कर दी है. उसने अपने ट्वीट में जिनपिंग को तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी है.

नित्यानंद ने जिनपिंग के लिए किया ट्वीट (फाइल फोटो) नित्यानंद ने जिनपिंग के लिए किया ट्वीट (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:38 PM IST

विवादास्पद भगोड़ा स्‍वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद भारत के खिलाफ एक नई साजिश रच रहा है. वह अपना तथाकथित देश 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' स्थापित करने के बाद भारत के दुश्मन देशों से अपनी नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. उसने इसकी शुरुआत चीन से की है. दरअसल शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति बनाया गया है. वहीं भगोड़े नित्यानंद ने अपने तथाकथित देश की ओर से शी जिनपिंग को राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी है.

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नित्यानंद ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- हम आपको राष्ट्रपति के रूप में एक सफल कार्यकाल पूरा करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं. आपके महान देश, यहां के लोगों और कैलासा के बीच लंबे समय तक चलने वाले मैत्रीपूर्ण संबंधों की आशा रखता हूं. उसने लिखा कि परमशिव का आशीर्वाद चीन के लोगों पर बना रहे.

कैलासा की आबादी 20 लाख होने का दावा

नित्यानंद अपहरण और बलात्कार का आरोपी है. वह साल 2019 में देश छोड़कर भाग गया था. कुछ साल बाद पता चला कि उसने अपना अलग देश 'यूनाइडेट स्टेट्स ऑफ कैलासा' बना लिया है. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से भागने के बाद नित्यानंद ने दक्षिणी अमेरिका के इक्वाडोर में जमीन खरीदी और उसे अलग देश 'कैलासा' घोषित कर दिया. हालांकि अभी तक इसी आधिकारित पुष्टि नहीं हो पाई है. 

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पिछले महीने इस तथाकथित देश के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा भी लिया था, जिसके बाद से नित्यानंद फिर से चर्चा में आ गया है. कैलासा की प्रतिनिधि विजयप्रिया नित्यानंद ने दावा किया था कि नित्यानंद के देश की 20 लाख आबादी है और दुनिया के 150 देशों में कैलासा की एम्बेसी या एनजीओ हैं. वहीं आबादी को लेकर कैलासा की वेबसाइट पर दावा किया है कि हिंदू धर्म को मानने वाले 200 करोड़ लोग उनके देश के नागरिक हैं.

यह है भगोड़े बाबा का काला सच

1 जनवरी 1978 को नित्यानंद तमिलनाडु में जन्म हुआ. 12 साल की उम्र से ही उसने रामकृष्ण मठ में शिक्षा लेनी शुरू कर दी. 1 जनवरी 2003 को नित्यानंद ने बेंगलुरु के पास बिदादी में अपना पहला आश्रम खोला. इसके बाद नित्यानंद 2010 में उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आया जब उसकी एक अश्लील सीडी सामने आई थी. इस मामले में उस पर अश्लीलता और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया. गिरफ्तार किया गया बाद में जमानत पर बाहर आ गया था.

उसी साल एक अमेरिकी महिला ने नित्यानंद पर आरोप लगा दिया कि धर्म के नाम पर उसने पांच साल तक उसका रेप किया. बिदादी थाने में केस दर्ज हुआ. 2018 में इस केस की सुनवाई शुरू हुई, लेकिन नित्यानंद कोर्ट में कभी पेश नहीं हुआ. 

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इसके बाद 2012 में नित्यानंद पर फिर से रेप के आरोप लगे. उसे सजा सुनाई गई लेकिन वह फरार हो गया. फिर कुछ दिन बाद उसने सरेंडर कर दिया. इसके बाद 2019 में गुजरात के जनार्दन शर्मा और उनकी पत्नी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर उस पर अपनी दो लड़कियों के अपहरण और उन्हें बंदी बनाए रखने का केस दर्ज कराया. इसी के बाद वह देश छोड़कर भाग निकला.

 

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