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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में गणतंत्र दिवस परेड सिंथेटिक ट्रैक वाले मैदानों पर आयोजित नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय के अनुसार, लुधियाना के एक स्टेडियम में आयोजित होने वाला गणतंत्र दिवस समारोह अब उसी शहर के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय मैदान में आयोजित किया जाएगा. चंडीगढ़ में जारी एक बयान में मान ने कहा कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान परेड का आयोजन बिना सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक वाले मैदानों या स्टेडियमों में ही किया जाएगा.
खिलाड़ियों का होता है नुकसान
उन्होंने कहा कि परेड के दौरान राज्य और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए कई झांकियां और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. मान ने कहा कि परेड के दौरान वाहनों और अन्य मशीनरी की आवाजाही से ट्रैक को नुकसान होता है, जिससे खिलाड़ियों को असुविधा होती है. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए सरकार ने सोच-समझकर सिंथेटिक ट्रैक वाले किसी भी स्टेडियम में गणतंत्र दिवस परेड आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है.
इस बार परेड में नहीं शामिल होगी पंजाब की झांकी, ये है वजह
बता दें कि, इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर निकलने वाली परेड में पंजाब की झांकी शामिल नहीं होगी. इस परेड में पंजाब की झांकी बाहर किए जाने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि पंजाब और दिल्ली दोनों राज्यों की झांकी को बाहर रखा है. हालांकि इस मामले में केंद्र का कुछ और ही कहना है.
सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्रालय ने पंजाब के मुख्यमंत्री के आरोपों का खंडन किया है और बताया कि पंजाब और दिल्ली ने भारत सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कहा गया है कि 26 जनवरी, 2024 से शुरू होने वाले तीन सालों में दिल्ली या पंजाब एक आरडीसी में राज्य की झांकी प्रदर्शित करने पर सहमति व्यक्त की है. सूत्रों ने यह भी बताया कि इस साल पंजाब की झांकियों का चयन नहीं किए जाने के आरोप बेबुनियाद हैं.