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2024 से पहले मोदी मंत्रिमंडल में अब नहीं होगा कोई फेरबदल, जानिए क्यों

पीएम मोदी ने 7 जुलाई, 2021 कैबिनेट विस्तार और गुरुवार 18 मई को कैबिनेट में छोटा सा फेरबदल करके साफ़ संकेत दें दिए हैं कि इस सरकार का ये अंतिम कैबिनेट फेरबदल था. उन्होंने राजस्थान चुनाव को देखते हुए अर्जुन राम मेघवाल का प्रमोशन कर उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाते हुए कानून तथा न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

मोदी कैबिनेट में अब फेरबदल के आसार खत्म मोदी कैबिनेट में अब फेरबदल के आसार खत्म
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को विराम लग गया है. कारण, इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव होने हैं और इन सभी राज्यों के किसी न किसी सांसद को मंत्री मंडल में रखा गया है. मध्य प्रदेश से पांच, राजस्थान से चार, तेलंगाना से एक और छत्तीसगढ़ से एक मंत्री मोदी सरकार में हैं. 

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मध्य प्रदेश में पांच में से तीन कैबिनेट मंत्री हैं. इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, वीरेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं. वहीं प्रह्लाद पटेल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और फग्गन सिंह कुलस्ते राज्य मंत्री हैं. इसी तरह तेलंगाना से जी किशन रेड्डी कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे. छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह सरुता राज्य मंत्री हैं. राजस्थान से दो कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत हैं, जबकि दो राज्य मंत्री अभी तक थे- अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी. अब राजस्थान चुनाव को देखते हुए अर्जुन राम मेघवाल का प्रमोशन कर उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाते हुए कानून तथा न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. 

बता दें कि अर्जुन मेघवाल तीसरी बार बीकानेर से सांसद हैं. जमीनी स्तर की राजनीति से जुड़े मेघवाल पार्टी के लिए अन्य राज्यों में भी काम कर चुके हैं. उन्हें पुडुचेरी और उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र में चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. दोनों ही जगहों पर बीजेपी को सफलता हासिल हुई थी. स्वतंत्र भारत के इतिहास में अनुसूचित जाति से बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के बाद किसी अन्य नेता को कानून और न्याय मंत्री नहीं बनाया गया था. अब अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी देकर अनुसूचित जाति वर्ग को भी एक बड़ा संदेश दिया गया है. 

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2022 की शुरुआत में कई नेताओं को किया गया शामिल

सूत्रों के अनुसार 2022 की शुरुआत में उतर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, मणिपुर, गोवा, गुजरात, हिमाचल और 2023 की शुरुआत में त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय और कर्नाटक के विधानसभा के हिसाब 7 जुलाई 2021 में जो कैबिनेट विस्तार हुआ था, वो आगामी राज्यो में वहां के जातिगत समीकरणों और ज़मीनी फीडबैक के आधार पर बड़ा कैबिनेट विस्तार किया गया था.

इसमें उतर प्रदेश से बीएल वर्मा, भानु प्रताप वर्मा, अजय मिश्रा टेनी, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बाघेल, कौशल किशोर और अपना दल (एस) अनुप्रिया पटेल को राज्यमंत्री बनाया गया था. उतराखंड से रमेश पोखरियाल निशंक को हटा कर अजय भट्ट को मंत्री बनाया था. पंजाब से हरदीप सिंह को स्वतंत्र प्रभार से कैबिनेट बनाया. मणिपुर से राजकुमार राजन सिंह राज्यमंत्री बनाया गया था .

त्रिपुरा से पहली बार कोई बना मंत्री

गुजरात से मनसुख मानवीय स्वतंत्र प्रभार से और पुरशोत्तम रूपाला राज्यमंत्री को कैबिनेट बनाया गया था और साथ में दर्शना जरदोष, महेंद्र मुनपुरा और देवू सिंग चौहान को राज्यमंत्री बनाया गया था और हिमाचल से अनुराग ठाकुर राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. आज़ादी के बाद त्रिपुरा से पहली बार प्रतिमा भौमिक राज्यमंत्री बनाया गया था. कर्नाटक से शोभा करंदलांजय, राजीव चंद्रशेखर, ए नारायणास्वामी को राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके अलावा 2024 के लोकसभा के हिसाब मंत्रीमंडल में कई मंत्रियों के पद को बढ़ाया गया था या कई राज्यो के समीकरण के हिसाब से मंत्री बनाए गए थे.

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बिहार और महाराष्ट्र से भी बनाए गए मंत्री

बिहार से स्वतंत्र प्रभार मंत्री आरके सिंह को कैबिनेट मंत्री और अरुणाचल प्रदेश से स्वतंत्र प्रभार के मंत्री किरण रिजाजु  और तेलंगाना से किशन रेड्डी को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. महाराष्ट्र से नारायण रणे को कैबिनेट मंत्री बनाया था जो महाराष्ट्र के कोंकण से क्षेत्र से आते हैं. पार्टी का मानना था कि नारायण रणे मंत्री बनाने का प्रभाव गोवा विधानसभा में होगा. महाराष्ट्र से भगवत कराड, भारती पवार, भागवंत कुबा और कपिल मोरेश्वर पाटिल को राज्यमंत्री बनाया था . 

इन राज्यों से भी मंत्रिमंडल में किया गाय शामिल

झारखंड से सूरदर्शन भगत की जगह अन्नुपूर्णा देवी को, ओडिशा से प्रताप सारंगी की जगह विश्वेश्वर टुडू, तमिलनाडू से एल मुर्ग़न राज्यमंत्री बनाया गया था. बंगाल से बाबुल सुप्रियो, देवेशी चौधरी की जगह जॉन बारला, निशित प्रामाणिक, सुभाष सरकार और शान्तनु ठाकुर को राज्यमंत्री बनाया था. राजस्थान से भूपेन्द्र यादव  को संगठन से सरकार कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उड़ीसा से अश्वनी वैष्णव मंत्री बनाया गया था. अश्वनी वैष्णव मूलतः जोधपुर राजस्थान के रहने वाले हैं. बिहार से गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय एलजेपी से पशुपति पारस और असम से पूर्व मुख्यमंत्री सरबानंद सोनेवाल को कैबिनेट में शामिल किया गया था. 

ताजा फेरबदल दे रहा संकेत

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कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामकर मध्य प्रदेश में सरकार बनाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी कैबिनेट से नवाज़ा गया और इसके साथ थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल बनने के बाद वीरेंद्र सिंह कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. पीएम मोदी ने 7 जुलाई, 2021 कैबिनेट विस्तार और गुरुवार 18 मई को कैबिनेट में छोटा सा फेरबदल करके साफ़ संकेत दें दिए हैं कि इस सरकार का ये अंतिम कैबिनेट फेरबदल था. 

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