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'बच्चों को कोरोना वैक्सीन तुरंत लगाने की जरूरत नहीं', देश की टॉप वायरोलॉजिस्ट ने ऐसा क्यों कहा?

टॉप वायरोलॉजिस्ट और वैक्सीनोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने कहा है कि अभी बच्चों को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि अभी डीसीजीआई की मंजूरी के लिए वैक्सीन के अंतरिम डेटा को ही सौंपा गया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
स्नेहा मोरदानी
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • 'बच्चों को तुरंत टीका लगाने की जरूरत नहीं'
  • डॉ. कांग ने कहा- वैक्सीन के पूरे डेटा का करना चाहिए इंतजार

कोरोना महामारी (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन (Vaccination) की शुरुआत हुए कई महीने बीत चुके हैं और अब तक एक बड़ी आबादी का टीकाकरण हो चुका है. हालांकि, वर्तमान समय में भारत समेत ज्यादातर देशों में 18 साल से अधिक उम्र वालों को ही टीका लगाया जा रहा है और बच्चों की वैक्सीन का इंतजार हो रहा है. भारत बायोटेक ने बच्चों की वैक्सीन का डेटा एसईसी और सीडीसीएसओ को सौंप दिया था, जिसके बाद जल्द मंजूरी मिलने के आसार जताया जा रहे हैं. हालांकि, इस बीच देश की टॉप वायरोलॉजिस्ट और वैक्सीनोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कांग ने कहा है कि अभी बच्चों को टीका नहीं लगाया जाना चाहिए, क्योंकि अभी डीसीजीआई की मंजूरी के लिए वैक्सीन के अंतरिम डेटा को ही सौंपा गया है. फाइनल डेटा का इंतजार किया जा रहा है.

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'सभी वैरिएंट्स से करें बचाव, ऐसे टीके बनाने की जरूरत'

'आजतक/इंडिया टुडे' से बात करते हुए डॉ. गगनदीप कांग ने बच्चों की वैक्सीन के बारे में बताया कि ट्रायल चल रहे हैं. अभी बच्चों के टीकाकरण में इंतजार किया जा सकता है. यदि जरूरी हो तो को-मॉर्बिडिटीज वाले बच्चों में एमआरएनए वैक्सीन का इस्तेमाल करें. हालांकि, ट्रायल में को-मॉर्बिडिटीज वाले बच्चों को शामिल नहीं किया गया था, तो ऐसे में कहा नहीं जा सकता कि उन्हें कैसे वैक्सीन लगाई जाएगी.

कांग ने आगे कहा, ''हमें अभी और इंतजार करने की जरूरत है और ऐसे टीके को बनाने की आवश्यकता है जोकि बच्चों को सभी कोविड वैरिएंट्स से सुरक्षा प्रदान कर सके.'' डॉक्टर ने आगे कहा कि कई बच्चे अभी ही डेल्टा वैरिएंट के संपर्क में आ चुके हैं. ऐसे में उन्हें तुरंत वैक्सीनेट करने के बजाए, टीके के पूरे डेटा का इंतजार करना चाहिए.

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'बच्चों को तुरंत टीका लगाने की जरूरत नहीं, ट्रायल जारी'

डॉ. गगनदीप कांग ने दावा किया कि बच्चों को भारत में तुरंत टीका लगाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल चल ही रहे हैं. भारत में कोरोना महामारी एंडेमिक की ओर है. वहीं, संभावित तीसरी लहर को लेकर राहत देते हुए डॉ. कांग ने दावा किया कि यह लहर स्थानीय आउटब्रेक के रूप में होगी. हालांकि, यदि वायरस म्यूटेट करता है तो हालात बदल भी सकते हैं. बच्चों पर बात करते हुए डॉ. ने बताया कि 60 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडीज बन चुकी है, जिसका मतलब है कि वे कभी न कभी संक्रमित हो चुके हैं. उन्होंने भारत के टीकाकरण अभियान और टीके को विकसित करने की क्षमता की भी सराहना की.

 

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