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नोएडा: Twin Towers के आसपास 100 मीटर की दूरी पर रहे बस ये 6 लोग

Twin Towers Demolition: आज नोएडा की दो गगनचुंबी अवैध इमारतें Twin Towers को ढहाया गया. बिल्डिंग को विस्फोट के जरिए गिराया गया. इस दौरान सिर्फ 6 लोग ही ब्लास्टिंग साइट के 100 मीटर के दायरे में थे. बाकी किसी को भी 500 मीटर के दायरे में न मौजूद रहने की सख्त हिदायत दी गई थी. दोपहर 2.30 बजे दोनों इमारतें ढह गईं.

उत्तर प्रदेश के नोएडा में इन दो इमारतों को ही गिराया जाना है. उत्तर प्रदेश के नोएडा में इन दो इमारतों को ही गिराया जाना है.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

Twin Towers Demolition: आखिरकार वो घड़ी आ गई. जब नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर्स को जमींदोज कर दिया गया. 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे नोएडा सेक्टर 93A में अवैध रूप से बने 40 मंजिला ट्विन टावर्स (Twin Towers) को ढहा दिया गया.

इन इमारतों को गिराते समय काफी सावधानी रखी जा रही है. 32 और 29 मंजिला इमारतों को गिराते समय 560 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इसके अलावा रिजर्व फोर्स के 100 जवान सहित NDRF और क्विक रिस्पांस की 4 टीम भी तैनात रहेंगी. टावर्स के आसपास 500 मीटर के इलाके को निषेध क्षेत्र घोषित किया गया है.

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अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक विस्फोट के वक्त टावर्स के 100 मीटर के दायरे में केवल 6 लोग मौजूद रहेंगे. इनमें दक्षिण अफ्रीका के माइनिंग इंजीनियर जो ब्रिंकमैन, मार्टिंस, केविन स्मिथ और साइट इंचार्ज मयूर मेहता, इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता और एक पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 100 मीटर के दायरे में मौजूद रहने वाले जो ब्रिंकमैन जेट डेमोलेशन कंपनी (1994) के डायरेक्टर हैं. यह दक्षिण अफ्रीका की कंपनी है. ब्रिंकमैन की कंपनी ब्लास्ट का डिजाइन और लॉजिस्टिक्स का काम संभाल रही है. ब्रिंकमैन ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी से माइनिंग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मास्टर्स किया हुआ है. ब्रिंकमैन इससे पहले भारत में 3 इमारतें गिरा चुके हैं.

ब्रिंकमैन के साथ कंपनी के सीनियर साइट मैनेजर केविन स्मिथ भी मौजूद रहेंगे. स्मिथ के मुताबिक उनका काम बिल्डिंग गिराने के लिए लगाए गए विस्फोटक की निगरानी करना है. स्मिथ ने बताया कि एक पक्षी भी इसमें छेड़छाड़ कर सकता है. उनकी टीम ये देखती रहती है कि कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं हुई. इन दोनों के अलावा कंपनी के मार्टिंस भी मौके पर मौजूद रहेंगे.

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इमारत ढहाने का मुख्य काम एडिफाइस इंजीनियरिंग कर रही है. इस कंपनी ने ही दक्षिण अफ्रीका की जेट डेमोलेशन के साथ करार किया है. एडिफाइस की तरफ से भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता भी 100 मीटर के दायरे में रहेंगे. 

चेतन दत्ता ने बताया कि वे राजस्थान के माउंट आबू, हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के पहाड़ों के आसपास ब्लास्टिंग का काम करते हैं. उन्हें इस क्षेत्र में 20 साल का अनुभव है. एडिफाइस कंपनी के मैनेजर मयूर मेहता भी मौके पर मौजूद रहेंगे. उन्होंने बताया कि हर कनेक्शन की सावधानीपूर्वक जांच की गई है. हम ब्लास्ट करने के लिए तैयार हैं. इन सभी  के अलावा एक पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे.

उठाए जाएंगे ये सुरक्षा कदम

- ब्‍लास्‍टर समेत सभी लोग इमारत से लगभग 50-70 मीटर दूर होंगे, जिन्‍हें कोई खतरा नहीं होगा. ब्लास्टिंग क्षेत्र लोहे की जाली की चार परतों और कंबल की दो परतों से ढका हुआ होगा.

- कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन डिजाइन किए गए हैं.

- सुपरटेक टि्वन टावर के गिरने पर बगल वाले एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5,000 निवासी सबसे अधिक प्रभावित होंगे. सभी निवासियों को सुबह जल्दी अपना घर खाली करना होगा और अधिकारियों से मंजूरी के बाद शाम को वापस लौटने की अनुमति दी जाएगी.

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- सभी निवासियों को मास्‍क, चश्मा पहनने और डिमालिशन के दौरान बाहर जाने से बचने के लिए कहा गया है. फेलिक्स अस्पताल में भी आपात स्थिति में करीब 50 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं.

3 महीने में साफ होगा मलबा

सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर्स की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी अधिक है. यह 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 14 सेकंड में ध्वस्त होने वाले भारत के सबसे ऊंचे ढांचे बन जाएंगे. Apex (32 मंजिला) और Ceyane (29 मंजिला) के डिमॉलिशन के बाद लगभग 80,000 टन मलबा निकलेगा. इतना मलबा साफ होने में कम से कम 3 महीने लगेंगे.

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