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नोएडा: खुद को MR बताकर डॉक्टरों को देता था विदेश टूर का झांसा, कई से लूट चुका था करोड़ों

खुद को एमआर बताकर विदेश में घूमने की व्यवस्था करने के बहाने कई राज्यों में "सैकड़ों डॉक्टरों" से करोड़ों रुपये ठगने वाले शख्स को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने कहा कि आरोपी खुद को एक प्रमुख दवा कंपनी का एमआर बताकर ये ठगी कर रहा था.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उसने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने खुद को एमआर बताकर विदेश में घूमने की व्यवस्था करने के बहाने कई राज्यों में "सैकड़ों डॉक्टरों" से करोड़ों रुपये ठगे हैं. अधिकारियों ने कहा कि आरोपी खुद को एक प्रमुख दवा कंपनी का एमआर बताकर ये ठगी कर रहा था. उसको साइबर अपराध टीम की नोएडा इकाई ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया.

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यहां नोएडा साइबर अपराध थाने की इंचार्ज रीता यादव ने बताया कि 31 साल के विशाल पांडे के खिलाफ मामला ग्रेटर नोएडा के एक डॉक्टर की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसने उसके साथ 18.72 लाख रुपये की धोखाधड़ी का दावा किया था.
 
आरोपी पांडे ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के साथ एफएसओ के रूप में काम किया है, लेकिन नोटबंदी के बाद 2017 में उसकी नौकरी चली गई. पश्चिम बंगाल के बर्धमान के रहने वाले पांडे के पास एमबीए की डिग्री है और उसने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है.  

इंस्पेक्टर ने कहा, "जून 2022 में, ग्रेटर नोएडा स्थित डॉक्टर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि पांडे ने दुबई में एक फैमिली टूर पैकेज की व्यवस्था करने की पेशकश की थी और बैंक अकाउंट ट्रांसफर और पेटीएम ट्रांसफर के माध्यम से धोखाधड़ी से 18.72 लाख रुपये लिए थे."

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रीता यादव ने कहा कि इसके बाद मामले की जांच की गई और आरोपी को पश्चिम बंगाल में उसके घर से गिरफ्तार किया गया. जांच में यह भी पता चला है कि पांडे ने एक ही तरीके का इस्तेमाल करते हुए सैकड़ों डॉक्टरों को ठगा है और धोखाधड़ी से "करोड़ों रुपये" कमाए हैं. इंस्पेक्टर ने कहा कि उसने उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में डॉक्टरों को ठगा है.

उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (व्यक्ति द्वारा धोखा), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (दस्तावेजों की जालसाजी से संबंधित ) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. 

 

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