
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बुधवार से काफी वायरल हो रही है. इस तस्वीर में एक बच्चा दुकान के मलबे में से कुछ सामान बटोरता नजर आ रहा है. उसके चारों तरफ टूटी हुई दुकान का मलबा और सामान पड़ा है. बच्चे से एक रिपोर्टर पूछता है कि ये सामान क्यों बटोर रहे हो, बच्चा दुखी मन से कहता है कि इसी से हमारी दुकान और घर सब चलता था. आईए जानते हैं कि बच्चा कौन है?
ये तस्वीर और कहानी है जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई के बाद की. दरअसल, जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हिंसा हुई थी. इसके बाद एमसीडी ने हिंसा वाली जगह पर अवैध संपत्तियों और अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने का ऐलान किया. तारीख 20 और 21 अप्रैल तय की गई.
20 अप्रैल करीब सुबह 10 बजे एमसीडी ने अपनी कार्रवाई शुरू की. बुलडोजर चलना शुरू हुआ. बुलडोजर से सड़क पर रखीं अवैध रेहड़ी पटरी को तोड़ दिया गया. इसके अलावा यहां दुकानों पर भी बुलडोजर चला. जिन दुकानदारों ने अपनी दुकान का हिस्सा आगे तक बढ़ा दिया था, उसे भी तोड़ दिया गया. यहां एक मस्जिद के पास बनी अवैध दुकान को तोड़ा गया. इतना ही नहीं एमसीडी ने मस्जिद के गेट को भी तोड़ दिया.
7-8 साल का बच्चा है आसिफ
एमसीडी की कार्रवाई के बाद हमारी सहयोगी वेबसाइट लल्लनटॉप की टीम ग्राउंड पर पहुंची. तो यहां लोग टूटी हुई दुकानों से अपना सामान बटोरते नजर आए. इनमें एक बच्चा आसिफ भी था. आसिफ अपनी टूटी दुकान से सामान और पैसे बटोर रहा था. जब रिपोर्टर ने सवाल किया कि ये क्या कर रहे हो, तो उसने बताया कि इससे हमारा घर, दुकान इससे चलता है. मैं स्कूल जाता हूं और घर का काम करता हूं. एमसीडी की कार्रवाई में आसिफ के पिता अकबर की दुकान टूट गई.
आशिफ की मां रहिमा ने बताया कि रेहड़ी पटरी वालों को एमसीडी ने वेंडर सर्टिफिकेट दिया था कि आपको कोई नहीं हटा सकता. लेकिन इसके बावजूद बिना नोटिस दिए हमारी दुकान को तोड़ दिया गया. वहीं, अकबर ने बताया कि जब एमसीडी ने उसे लाइसेंस दिया था, उसके बाद उसने दुकान में फ्रिज लगाया था. बुलडोजर ने सब तोड़ दिया. सब मिलाकर 80 हजार का नुकसान हुआ है. आसिफ की मां ने ऑफ कैमरा कहा, वह ईद पर बच्चों के कपड़ों के लिए पैसा इकट्ठा कर रही थी. लेकिन अब दुकान टूट गई तो ईद कैसे मनाएंगे.