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बारिश, बाढ़ और तबाही: पहाड़ से लेकर मैदान तक कुदरत का कहर, बंगाल-बिहार हर जगह संकट

भारी बारिश (Heavy Rains) से राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल तक नदियां उफान पर हैं. कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं तो कई खतरे के निशान के करीब हैं. 

बारिश से कोलकाता का कुछ ऐसा हुआ हाल (फोटो: PTI) बारिश से कोलकाता का कुछ ऐसा हुआ हाल (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST
  • देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम से तबाही
  • पहाड़ी राज्यों से लेकर मैदान तक आफत

शहर-शहर सैलाब का संकट गहराता जा रहा है, उत्तर भारत के तमाम राज्यों में आसमान जमकर बरस रहा है. भारी बारिश (Heavy Rains) से राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल तक नदियां उफान पर हैं. कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं तो कई खतरे के निशान के करीब हैं. 

बाढ़ (Floods) की मुसीबत के बीच शहरों में बदइंतजामी की बाढ़ भी देखने को मिल रही है. झांसी में नालों की सफाई न होने से सड़कों पर इतना पानी भर गया कि लोग नाव लेकर उतर गए, वहीं राजस्थान के कई शहरों में जलभराव का संकट नजर आया.

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में संकट 

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा-यमुना उफान हैं, राजस्थान (Rajasthan) में भारी बारिश के बाद जलभराव और नालों में उफान का संकट है. दूसरी तरफ यूपी के झांसी शहर की पोल खुल गई. जिस शहर को स्मार्ट शहर का दर्जा दिया गया उसी शहर में बारिश के बाद सड़क पर नाव चल रही है.

झांसी के लोगों की जिंदगी मजाक बन गई है और जब स्मार्ट सिस्टम बारिश की बाढ़ में डूब जाए तो लोग हंसें नहीं तो क्या रोएं? यहां 18 घंटे से बारिश हो रही है और इस वजह से ही झांसी लबालब है. इसी वजह से गली-गली में पानी भरा है, चार-पांच फीट की ऊंचाई तक पानी होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है.

उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों में हाल बेहाल है. कानपुर में पांडु नदी का पानी बढ़ना शुरू हो गया है, कई गांव जलमग्न हो चुके हैं. वहीं प्रयागराज पर दोहरा संकट है, गंगा और यमुना का बढ़ता जलस्तर डरा रहा है. वहीं प्रयागराज में संगम के किनारे के इलाके डूब चुके हैं, गंगा के साथ-साथ यमुना उफान है. जल पुलिस के साथ SDRF की टीम तैनात कर दी गई है, लोगों को ऊंचे इलाके में चले जाने की चेतावनी दी जा रही है. 

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शहरी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात (फोटो: PTI)


राजस्थान-मध्य प्रदेश का भी बुरा हाल

अगर यूपी से इतर राजस्थान की बात करें तो टोंक में एक एम्बुलेंस बरसाती नाले में फंस गई. एक महिला का शव लेकर जा रही एंबुलेंस में 10 साल के बच्चे की मौत हो गई. वहीं, उसके पिता बहने से बच गए, एम्बुलेंस के ड्राइवर ने छत पर सवार होकर जान बचाई. एसडीआरएफ ने रेस्क्यू का अभियान चलाया. वहीं, राजस्थान के ही फतेहपुर शेखावटी में देर रात से जारी बारिश के बाद निचले इलाके जलमग्न हो गए वहीं कई घर पानी में डूब गए. 

ऐसा ही मध्य प्रदेश में हुआ, यहां शिवपुरी में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. 4 से 5 फुट पानी इकट्ठा हो गया है जो शंकर कालोनी में घरों में जा घुसा है, लोग कान तेल डाले बैठे प्रशासन से नाराज़ हैं.

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बारिश से बेहाल रांची का एक इलाका (PTI)


पहाड़ी इलाकों की ये है स्थिति

मैदानी इलाकों से इतर अगर पहाड़ी इलाकों की बात करें तो उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक हाल बेहाल है. उत्तराखंड में पहाड़ों पर भारी बारिश हो रही है, बरसता आसमान नदियों में उफान ला रहा है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा ने घाटों को जलमग्न कर दिया है, वहीं उत्तरकाशी में गंगा का पानी किनारे के इलाकों को तबाह करने पर तुला है.

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का खतरे का निशान 627 मीटर है और ये फिलहाल खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे बह रही है. इस उफान की वजह से रुद्रप्रयाग में नदी किनारे के सारे घाट डूब चुके हैं. अथाह पानी की वजह से उनका कहीं अता-पता नहीं है, वहीं नदी के साथ बहकर आ रहे मलबे से भी घाटों को भारी नुकसान हो रहा है. 

उधर, उत्तरकाशी में गंगा का रुख डरावना नजर आ रहा है. विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के पास गंगा उग्र रूप में है, वहीं नदी के पास रहने वाले साधु सन्यासी और पुरोहितों को बढ़ते जलस्तर का डर सता रहा है. अब तक गंगा नदी जहा गंगा निकेतन और विष्णु टापू के नजदीक बहने लगी है वहीं भूस्खलन होने से बड़े-बड़े पत्थर गंगा का रास्ता रोक रहे हैं, ये किसी भी वक्त बड़े खतरे की वजह बन सकते हैं.

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पश्चिम बंगाल में अबकी बार हाहाकार 

पश्चिम बंगाल के हुगली में जिंदगी सैलाब में फंसी है. यहां रोज सैलाब से जंग की जीती-जागती तस्वीर नजर आती है. बाढ़ का पानी हाहाकार मचा रहा है और लोगों को बचाने की जंग जारी है.  हुगली में इस बार ऐसी भयंकर बाढ़ आई है कि लोग घरों में फंस गए हैं. दुकानों में पानी भर गया है और लोगों की जान बचाने के लिए भारतीय सेना ने मोर्चा संभाला है. 

राज्य सरकार की मांग पर सेना के जवान मदद में आगे आए हैं और घर-घर जाकर लोगों की जान बचा रहे हैं. हुगली के खानाकुल के आसमान पर वायु सेना के हेलिकॉप्टर मदद के लिए मंडराते रहे. वहीं सेना, NDRF और हुगली पुलिस ने सोमवार को दिन भर राहत और बचाव काम चलाया, कुल मिलाकर बाढ़ में फंसे 7860 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.

(रिपोर्ट: आजतक ब्यूरो) 

 

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