
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के लिए हरियाणा और पंजाब में जलाई जाने वाली पराली को बड़ा जिम्मेदार माना जाता रहा है. लेकिन इसी बीच पर्यावरण मंत्रालय ने एक बड़ा आंकड़ा पेश किया है. पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि पंजाब और हरियाणा में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं में साल 2022 से उल्लेखनीय गिरावट देखी गई. मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, 2022 में पंजाब में 48,489 पराली की घटनाएं सामने आई थीं, जो अब 2024 में घटकर 9,655 हो गई हैं. वहीं, हरियाणा में भी काफी कमी दर्ज की गई, इसी अवधि के दौरान मामले 3,380 से गिरकर 1,118 हो गए.
यूपी में हुआ इजाफा
आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इस साल 15 सितंबर से 18 नवंबर के बीच ऐसी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई, जो 2022 में 72 से बढ़कर 2024 में 192 हो गई. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सहित प्रमुख हितधारकों के सहयोग से मानकीकृत प्रोटोकॉल विकसित किए हैं.
इसरो प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्ज आंकड़ों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं में साल-दर-साल काफी गिरावट देखी गई है.
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हरियाणा में 2022 और 2024 के बीच 3,380 से 1,118 तक की गिरावट देखी गई, जबकि उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इसी अवधि के दौरान 72 से 192 तक की वृद्धि देखी गई.
दिल्ली की सीएम ने उठाए थे सवाल
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आजतक से खास बातचीत में प्रदूषण को 'नेशनल इमरजेंसी' बताया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी शासित राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं जबकि पंजाब में घटी हैं. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से जारी डेटा का हवाला दिया था. आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा, 'केंद्र ने आखिर इसे लेकर क्या कदम उठाए हैं?' आतिशी ने कहा, 'मध्य प्रदेश में 700 जगह पराली जलाई जा रही है. यह एक नेशनल इमरजेंसी है. जिस तरह कोविड में हम एक नेशनल मेडिकल इमरजेंसी से गुजर रहे थे उसी तरह आज पूरा उत्तर भारत एक नेशनल मेडिकल इमरजेंसी से जूझ रहा है. केंद्र सरकार मुझे बताए कि उन्होंने पिछले 5 साल में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?'