
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के तहत देश भर में जारी किए जाने वाले पीयूसी (पलूशन अंडर कंट्रोल) प्रमाणपत्र का एक सामान्य प्रारूप जारी किया है. देश भर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र की शुरूआत की जाएगी. इसके साथ ही पीयूसी डेटाबेस को नेशनल रजिस्टर से जोड़ा जाएगा.
रिजेक्शन स्लिप का प्रावधान पहली बार किया जा रहा है. अगर पलूशन लेवल तय मानकों से ज्यादा है तो वाहन मालिक को रिजेक्शन स्लिप दी जाएगी. इस स्लिप को वाहन की सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर पर दिखाया जा सकता है. अगर पलूशन नापने वाली मशीन खराब है तो मालिक दूसरे सेंटर जा सकता है.
अब गाड़ी मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा. इसके साथ ही मोबाइल नंबर, इंजन नंबर और चेसिस नंबर की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. अंतिम के चार अंक ही दिखाई देंगे, बाकी नंबर नहीं दिखेंगे.
अगर प्रवर्तन अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि एक मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो वह लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से चालक या वाहन के प्रभारी व्यक्ति को वाहन जमा करने के निर्देश देने के लिए संवाद कर सकता है.
यदि चालक या वाहन का प्रभारी व्यक्ति इसके लिए वाहन प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो वह दंड के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा. अगर मालिक इसका पालन करने में विफल रहता है, तो पंजीकरण प्राधिकारी, लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए, वाहन के पंजीकरण के प्रमाण पत्र और किसी भी परमिट को तब तक निलंबित कर देगा, जब तक कि एक पीयूसी प्रमाण नहीं मिल जाता.