
भारतीय सेना (Indian Army) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी ताकतवर इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) अग्नि-4 का सफल परीक्षण किया है. यह टेस्टिंग ओडिशा के चांदीपुर स्थित एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर 6 जून 2022 की शाम साढ़े सात बजे की गई.
मिसाइल ने सभी मानकों को पूरा करते हुए टारगेट पर सटीकता से निशाना साधा. इस दौरान मिसाइल की तकनीकी, हमलावर टेक्नीक, नेविगेशन आदि मानकों की जांच की गई. स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह एक रूटीन ट्रेनिंग लॉन्च थी. जिसमें सारे ऑपरेशनल पैरामीटर्स की फिर से जांच की गई है. भारत इस टेस्टिंग से बताना चाहता है कि वह अपने विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध क्षमता को बनाए रखेगा.
यह टेस्ट ऐसे समय किया गया है जब भारत का चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद चल रहा है. भारत लगातार इस सीमा पर पिछले दो सालों से अपनी ताकत को बढ़ाता जा रहा है. इन दो सालों में ही लगातार कई मिसाइलों के परीक्षण भी किए गए हैं. पिछले महीने ही सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था.
इसके पहले 27 अप्रैल को अंडमान एवं निकोबार कमांड और भारतीय नौसेना ने मिलकर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया था. इस तरह के परीक्षण यह बताते हैं कि भारत अपनी विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता की नीति पर चलता रहेगा. वो यह बताना चाहता है कि हम पहले हमला नहीं करेंगे, लेकिन किसी ने किया तो छोड़ेंगे भी नहीं.