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देश में बाघों की संख्या बढ़कर 3167 हुई, पीएम मोदी ने जारी किया नया आंकड़ा

पीएम मोदी ने बाघों की संख्या के नए आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक वर्ष 2022 में देश में बाघों की संख्या 3167 थी. पिछले 4 साल में 200 बाघ बढ़े. इससे पहले 2018 में ये संख्या 2967 थी. बता दें कि बाघों की संख्या का आंकड़ा हर चाल साल के अंतराल पर ही जारी किया जाता है. 

पीएम मोदी ने जारी किया बाघों की गिनती का ताजा आंकड़ा पीएम मोदी ने जारी किया बाघों की गिनती का ताजा आंकड़ा
aajtak.in
  • मैसूर,
  • 09 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर एक स्मारक सिक्का जारी किया और ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस’ (IBCA) की भी शुरुआत की. इस आईबीसीए में ऐसे देश शामिल हैं, जहां ‘मार्जार’ प्रजाति के सात पशु-बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, पुमा, जगुआर और चीता पाए जाते हैं. यह संगठन इन पशुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा. साथ ही पीएम मोदी ने बाघों की संख्या के नए आंकड़े जारी किए. इसके मुताबिक वर्ष 2022 में देश में बाघों की संख्या 3167 थी. पिछले 4 साल में 200 बाघ बढ़े. इससे पहले 2018 में ये संख्या 2967 थी. बता दें कि बाघों की संख्या का आंकड़ा हर चाल साल के अंतराल पर ही जारी किया जाता है. 

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आंकड़ों पर ही नजर डालें तो देश में 2014 में इन बाघों की संख्या 2226, वहीं 2010 में 1706 तो वहीं 2006 में 1411 थी. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हम सभी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मील का पत्थर, प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल देख रहे हैं. भारत ने न सिर्फ बाघ को बचाया है बल्कि उसे फलने-फूलने के लिए बेहतरीन इकोसिस्टम भी दिया है. प्रोजेक्ट टाइगर बिग कैट्स की सुरक्षा और संरक्षण का मार्ग प्रशस्त करता है. प्रकृति की रक्षा करना भारतीय संस्कृति का अंग है.

दुनिया के 75 फीसदी बाघ सिर्फ भारत में...

प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा, प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए गर्व की बात है. भारत ने आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं; और साथ ही, दुनिया की 75% बाघ आबादी आज भारत में है.

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भारत से विलुप्त हो गया था चीता

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, मानवता का बेहतर भविष्य तभी संभव है, जब हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, हमारा बायो डायवर्सिटी का विस्तार होता रहेगा. वे बोले, ये दायित्व हम सभी का है, पूरे विश्व का है. इसी भावना को हम अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान निरंतर प्रोत्साहित भी कर रहे हैं. साथ ही पीएम ने बताया कि दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था. लेकिन हम इस शानदार Big Cat को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं. ये एक Big Cat का पहला सफल ट्रांस-कॉन्टीनेंटल ट्रांसलोकेशन (Trans-continental translocation) है. इसके अलावा पीएम मोदी ने बताया कि कुछ दिन पहले ही कूनो नेशनल पार्क में 4 सुंदर शावकों ने जन्म लिया है.

पर्यटन को मिला बढ़ावा 

इन Big Cats की वजह से टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है. बिग कैट्स की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की इकोलोजी पर सकारात्मक असर डाला है.

पीएम मोदी का नया लुक

मैसूर में इस कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी बांदीपुर और मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के दौरे पर भी गए थे. वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक अलग ही अंदाज दिखाई दिया. ब्लैक हैट, स्टाइलिश चश्मा, प्रिंटेड टी-शर्ट और खाकी रंग की हाफ जैकेट पहने इस लुक ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बंटोरी.

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आखिर क्या है प्रोजेक्ट टाइगर?

बाघों की घटती आबादी को संरक्षण देने के लिए 1 अप्रैल 1973 को भारत में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया. शुरुआत में इस योजना में 18,278 वर्ग किमी में फैले 9 टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया. पिछले 50 सालों में इस योजना का विस्तार हुआ और आज इनकी संख्या बढ़कर 53 हो गई है. ये 53 टाइगर रिजर्व 75,500 वर्ग किमी में फैले हैं. इंदिरा गांधी सरकार में शुरू हुए प्रोजेक्ट टाइगर के पहले निदेशक का जिम्मा कैलाश सांखला ने संभाला था. कैलाश को 'द टाइगर मैन ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है. बाघों के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए ही उन्हें प्रोजेक्ट टाइगर का पहला निदेशक बनाया गया था.

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