
राजनीति में विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी होना आम है. लेकिन अगर मर्यादाएं तार-तार हो जाएं तो शायद इससे शर्मनाक राजनीति और लोकतंत्र के लिए कुछ नहीं हो सकता. UP की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है.
समाजवादी पार्टी का मीडिया सेल हैंडल जो ट्विटर पर वेरिफाइड है. इसके ट्वीट्स अखिलेश द्वारा लगातार रीट्वीट किए गए हैं. इस अकाउंट्स की घटिया बयानबाजी ने सारी हदें पार कर दी हैं. हालांकि, सपा के ज्यादातर नेताओं ने इससे किनारा कर लिया है तो कुछ नेता यह कहते हुए भी नजर आ रहे हैं कि आप पूर्व मुख्यमंत्री को टोटी चोर बोल सकते हैं, पूर्व रक्षा मंत्री को अब्बा जान बोल सकते हैं तो सुनने की भी हिम्मत रखिए.
सपा के अकाउंट ने पार की सारी हदें
समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बीजेपी से जुड़े अपने कुछ विरोधियों को लेकर कई आपत्तिजनक ट्वीट किए गए. समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @MediaCellSP से बीजेपी नेताओं को दलाल, पत्तलचट्टे समेत कई ऐसे शब्द लिखे गए, जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में 'अमर्यादित' कहा जाता है.
डिप्टी सीएम के ट्वीट पर गाली-गलौज
ट्विटर पर चल रहे इस युद्ध में समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के वेरिफाइड हैंडल से यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, प्रवक्ता आलोक अवस्थी, प्रवक्ता मनीष शुक्ला समेत कई नेताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के ट्वीट पर उन्हें तू-तड़ाक कर जवाब दिया गया. ये टिप्पणी उनके उस ट्वीट पर की गई जिस ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा था कि उपचुनाव परिणाम भविष्य के लिए निर्णायक संदेश देने वाले होंगे. हालांकि इस ट्वीट को केशव मौर्या ने बाद में डिलीट कर दिया था.
ठीक इसी तरह यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी, आलोक अवस्थी और मनीष शुक्ला पर उनके ट्वीट पर जवाब के जरिए लगातार हमला किया जा रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ सपा नेताओं द्वारा इसे जायज ठहराया गया है. इतना ही नहीं, जो भी पत्रकार इस भाषा का विरोध कर रहे हैं उन पर भी ट्विटर हैंडल द्वारा निजी हमले किए जा रहे हैं.
लखनऊ में दर्ज हुई FIR
इस पूरे मामले को लेकर अब तक हजरतगंज थाने में दो एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी हैं. एक एफआईआर एक पत्रकार द्वारा तो दूसरी एक वकील द्वारा कराई गई है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने आजतक को बताया कि उन्हें सपा के ब्लू टिक वाले मीडिया हैंडल से लगातार टारगेट किया जा रहा है, इतना ही नहीं उनके अलावा उनके परिवार के खिलाफ भी लगातार आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं.
सपा नेताओं ने इस भाषा को ठहराया जायज
सपा नेता आईपी सिंह ट्विटर पर खुले तौर पर मीडिया सेल के ट्वीट्स को सपोर्ट करते नजर आ रहे हैं. सपा प्रवक्ता मनोज काका ने आजतक को बताया कि समाजवादी पार्टी हर तरह की मर्यादित भाषा, मर्यादित लेखन और मर्यादित व्यवहार की पक्षधर है. लेकिन उन लोगों से जो हमेशा अमर्यादित बोल, भाषा और व्यवहार का इस्तेमाल करते हैं, उस भारतीय जनता पार्टी से किसी तरह की शुचिता की या किसी तरह की नैतिकता की सीख लेने की या पाठ पढ़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी के लोग किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं? जो ये बयान देते हैं कि किसी की गर्लफ्रेंड 50 करोड़ की है, जो किसी के व्यक्तिगत जीवन में झांकते हैं. काका ने कहा ये सच है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग जो राम रहीम का आशीर्वाद लेने जाते हैं. क्या ये सच नहीं है कि राम रहीम एक जनवादी पत्रकार की हत्या का दोषी है, बलात्कार का दोषी है. आरोपी नहीं, दोषी है. देश की अदालत ने उसे दोषी माना. उससे भी ये लोग आशीर्वाद लेने जाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर BJP ये चाहती है कि राजनीति में और सार्वजनिक जीवन में हमेशा शुचिता भरे व्यवहार का पालन हो, तो पहले उसे ये बात अपनानी होगी.
तो क्या अब तक इस बात से अंजान हैं अखिलेश?
इस पूरे प्रकरण पर लंबे अरसे से यूपी की राजनीति कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिंह ने आजतक को बताया कि अब ऐसा लगता है कि सभी राजनीतिक दल मर्यादाएं भूल चुके हैं. उन्होंने कहा अटल जी, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह के समय में भी राजनीति होती थी. तल्ख टिप्पणियां होती थी पर कभी मर्यादा नहीं लांघी गई. उन्होंने कहा सपा के ब्लू टिक वाले टि्वटर हैंडल से जिस तरह के ट्वीट किए जा रहे हैं वह वाकई आपत्तिजनक हैं और ऐसा नहीं हो सकता कि अखिलेश यादव के संज्ञान में यह बात नहीं आई होगी. नवल कांत ने बताया कि इसी तरह से बीजेपी द्वारा पूर्व सीएम अखिलेश को टोंटी चोर कहना भी गलत है और दोनों ही तरफ से भाषा पर संयम रख राजनीति करना आवश्यक है.