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लकड़ी पर छेनी से शख्स ने लिख डाली हनुमान चालीसा, PM और CM को करना चाहता है भेंट

ओडिशा के गंजम जिले के कांटेई कोली गांव के रहने वाले अरुण साहू ने हनुमान चालीसा की हिन्दी में दो प्रतियां तैयार की हैं. साहू इन दोनों प्रतियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भेंट करना चाहते हैं.

32 साल के अरुण साहू ने तैयार की हनुमान चालीसा 32 साल के अरुण साहू ने तैयार की हनुमान चालीसा
मोहम्मद सूफ़ियान
  • गंजम,
  • 07 जून 2021,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST
  • गंजम जिले के अरुण साहू का कमाल
  • लकड़ी से बनाई हनुमान चालीसा

ओडिशा का नाम दुनिया भर में सैंड आर्ट के लिए प्रसिद्ध है. समुद्र के पास रेत से तरह तरह की आकृतियों को तैयार करने वाले सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने इसी हुनर के जरिए दुनिया में अपनी पहचान बनाई. अब इसी ओडिशा से एक बढ़ई का बेटा लकड़ी से तरह-तरह की कलाकृतियों को उकेर रहा है. 

ओडिशा के गंजम जिले के कांटेई कोली गांव के रहने वाले अरुण साहू को ग्रीन आर्टिस्ट के तौर पर जाना जाता है. वो अपने शिल्प से जलवायु परिवर्तन के खतरों को लेकर लोगों को लगातार आगाह करते रहते हैं. अरुण साहू ने अब लकड़ी से  हनुमान चालीसा की हिन्दी में दो प्रतियां तैयार की हैं. साहू इन दोनों प्रतियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भेंट करना चाहते हैं. 

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साहू पिछले दस साल से लकड़ी की कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं. वो अब तक लकड़ी से ताजमहल, एफिल टॉवर, इंडिया गेट और गेटवे ऑफ इंडिया की प्रतिकृतियां तैयार कर चुके हैं. 

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साहू ने आजतक से बातचीत में कहा, मैं कुछ अलग करने की सोच रहा था, फिर मेरे जेहन में लकड़ी से हिन्दी में हनुमान चालीसा तैयार करने का ख्याल आया और मैं इसे साकार करने में जुट गया.  

32 साल के अरुण साहू को बचपन से ही तरह-तरह की कलाकृतियां आकर्षित करती रहीं हैं. साहू के पिता पेशे से बढ़ई रहे हैं. वे अपने घर के गुजारे के लिए लकडी का घरेलू सामान तैयार करते रहे हैं. कॉलेज से ड्रॉप आउट अरुण साहू ने पिता का हाथ बंटाने के लिए उनके काम में साथ देना शुरू कर दिया. दूसरा सामान तैयार करने के लिए लकड़ी को कैसे गढ़ा जाता है, ये अरुण ने पिता से सीखा. लकड़ी के पारम्परिक सामान की जगह अरुण ने पिता के कारखाने में बेकार बची लकड़ी से सुंदर कलाकृतियों को बनाना शुरू कर दिया.  

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पिछले साल लॉकडाउन के दौरान अरुण ने लकड़ी से कई कलाकृतियां बनाईं. थोड़े से ही वक्त में उन्हें अपने काम के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. 

 

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