Advertisement

गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर दिखेगा स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम वीरों का शौर्य, बनाई जा रही 1 किमी लंबी पेंटिंग

यह 'कला कुंभ' NGMA के महानिदेशक अद्वैत गडनायक की देखरेख में चल रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य रचनात्मक रूप से भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय गौरव की विरासत को 750 मीटर की स्क्रॉल पर प्रदर्शित करना है, जो 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस समारोह का अभिन्न अंग बनेगा.

भुवनेश्वर में आयोजित कला संगम में बनाई जा रहीं पेंटिंग भुवनेश्वर में आयोजित कला संगम में बनाई जा रहीं पेंटिंग
मोहम्मद सूफ़ियान
  • भुवनेश्वर,
  • 16 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST
  • ओडिशा के भुवनेश्वर में चल रही 'कला कुंभ'
  • स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम वीरों की गाथा

आजादी का अमृत महोत्सव पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (NGMA)  ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KITT) के साथ 'कला कुंभ' वर्कशॉप पर एक एमओयू हस्ताक्षर किया है. इस कला कुंभ के जरिए भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम वीरों और स्वाधीनता संघर्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले देशभक्त जवानों को रचनात्मक रूप से नई पहचान दी जा रही है. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर प्रदर्शित किया जाएगा. यह वर्कशॉप भुवनेश्वर के KIIT और KISS परिसर में आयोजित किया गया है, जहां करीब 250 कलाकार एक साथ काम कर रहे हैं.

Advertisement

इस कला कुंभ वर्कशॉप के तहत NGMA ने KIIT और KISS के साथ मिलकर 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के वीर जीवन और संघर्ष का जश्न मनाने के लिए छह दिवसीय मेगा 'कला कुंभ' वर्कशॉप आयोजित किया गया. यह कार्यशाला भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम या जो 12 दिसंबर से शुरू हो चुका है और 17 दिसंबर चलेगा. 

यह वर्कशॉप NGMA के महानिदेशक अद्वैत गडनायक की देखरेख में चल रही है. इसका मुख्य उद्देश्य रचनात्मक रूप से भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय गौरव की विरासत को 750 मीटर की स्क्रॉल पर प्रदर्शित करना है, जो 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस समारोह का एक अभिन्न अंग बनेगा. 

आजतक से बातचीत में महानिदेशक ने कहा कि आर्टिस्ट वर्कशॉप संस्कृति मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच अद्वितीय सहयोग का प्रतीक है और इसी तरह की कार्यशालाएं देश के अन्य हिस्सों में भी आयोजित किया गया है. देश 75वां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस समय कोरोना महामारी के बाद कलाकार धीरे-धीरे उबर रहे हैं. यहां सभी कलाकार स्वतंत्रता आंदोलन के वीरों एवं उनके संघर्षों को एक रचनात्मक रूप देने की तैयारी कर रहे हैं.  

Advertisement

आजतक से बातचीत में NGMA  के चेयरमैन हर्षवर्धन शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के संस्कृति मंत्रालय का निर्णय था कि 75वां आजादी का अमृत महोत्सव को देश के अननोन स्वतंत्रता संग्रामी और वीरों को समर्पित किया जाए. प्रधानमंत्री मोदी का कहना कि आजादी के वीरों को लंबे समय से देश ने याद नहीं किया है. देश को आजादी स्वतंत्रता सेनानी और लाखों वीरों ने जान की कुर्बानी दे दी. ऐसे में आज के बच्चों एवं भविष्य के लिए बताया जाए कि स्वतंत्रता सेनानी देश के अलग-अलग प्रदेशों से निवास करते थे. देश को आजादी दिलाने के लिए पूरा देश एक साथ कूद पड़ा था. उन सभी वीरों व स्वतंत्रता सेनानी को एक बार लोगों के बीच प्रदर्शित किए जाए.

आजतक से बातचीत में KIIT और KISS के संस्थापक डॉ अच्युत सामंत कहा कि इस वर्कशॉप में करीब 250 कलाकार अपनी प्रतिभा से रचनात्मक तरीके से देश के अनसंग वीरों की तस्वीर बना रहे हैं. इस कला कुंभ का प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन करेंगे. यह खुशी की बात है कि KIIT और KISS इस वर्कशॉप निर्माण में भागीदारी कर रहा है. साथ ही कलाकारों का रहना से खाना तक का खर्च उठा रहा है.  

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement