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ओडिशा में ट्रांसजेंडरों को मिलेगी पारिवारिक पेंशन, कैबिनेट मीटिंग में CM पटनायक ने लिया फैसला

ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने अब ट्रांसजेंडरों को भी पारिवारिक पेंशन देने का फैसला लिया है. राज्य में ट्रांसजेंडरों को पेंशन का प्रावधान अविवाहित महिलाओं की तर्ज पर किया जाएगा. पटनायक सरकार ने यह बड़ा फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया है. बैठक में ट्रांसजेंटर पेंशन के अलावा भी कई मुद्दों पर फैसले हुए हैं.

ट्रांसजेंडर (फाइल फोटो) ट्रांसजेंडर (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 14 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:53 AM IST

ओडिशा में जल्द ही ट्रांसजेंडरों को भी पारिवारिक पेंशन मिलने लगेगी. राज्य की कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर सोमवार को मुहर लग गई है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल ने ट्रांसजेंडरों को भी पारिवारिक पेंशन का फायदा देने का फैसला लिया है. राज्य के मुख्य सचिव एस सी महापात्रा ने बताया कि ट्रांसजेंडरों को पेंशन का प्रावधान अविवाहित महिलाओं की तर्ज पर किया जाएगा.

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बैठक के बाद महापात्रा ने कहा कि राज्य सरकार को 2023-24 के वित्तीय वर्ष के अनुमानित बजट पर भी मंजूरी मिल गई है. कैबिनेट ने परिवार पेंशन के लाभार्थियों के रूप में ट्रांसजेंडरों को जोड़ने का फैसला किया है. इस फैसले को लागू करने के लिए राज्य में ओडिशा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1992 में संशोधन किया जाएगा.

बैठक में ट्रांसजेंटर पेंशन के अलावा भी कई मुद्दों पर फैसले हुए. मीटिंग में एविएशन टर्बाइन फ्यूल की बिक्री पर वैट को घटाकर 1 प्रतिशत करने का भी निर्णय लिया गया. बैठक के दौरान कुल 15 प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिली.

ओडिशा सरकार ने ओडिशा में किसी भी लैंडिंग सुविधा के दौरान आरसीएस (क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना) विमान को एयर ट्रैफिक फ्यूल की बिक्री पर टैक्स को घटाकर 1 प्रतिशत करने का जो फैसला लिया है, उसे बहद अहम माना जा रहा है. कैबिनेट ने भुवनेश्वर को सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के लिए जल उपचार संयंत्र की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है.

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बता दें कि ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार लगातार लोगों के लिए बड़े-बड़े फैसले ले रही है. इससे पहले अक्टूबर 2022 में दिवाली से पहले सरकार ने राज्य में कॉन्ट्रैक्ट भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर दिया था. आगे से ओडिशा में होने वाली सभी भर्तियां भी परमानेंट तौर पर करने का फैसला लिया गया था. 

पटनायक सरकार ने अस्थायी कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे 57 हजार कर्मियों को परमानेंट करने का फैसला लिया था. राज्य की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि 2013 में संविदा भर्ती प्रणाली शुरू की गई थी. मुझे यह ऐलान करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मंत्रिमंडल ने भर्ती की संविदा प्रणाली को स्थायी तौर पर खत्म करने का फैसला लिया है.

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