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ओडिशा: लॉकडाउन में गई नौकरी, यूट्यूबर बना मजदूर, लाखों में है कमाई

ओडिशा में सातवीं के बाद स्कूल छोड़ चुका एक आदिवासी युवक अब यूट्यूबर बनकर लाखों फॉलोअर बना चुका है. पहले मेहनत-मजदूरी कर पेट पाल रहे इसक मुंडा की कमाई अब लाखों में है. महज कुछ घंटों में ही लाखों लोग अब इसक मुंडा के वीडियोज को देखते हैं.

लाखों में इसक मुंडा की है कमाई. लाखों में इसक मुंडा की है कमाई.
मोहम्मद सूफ़ियान
  • भुवनेश्वर,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST
  • लाखों में हैं फॉलोअर, लॉकडाउन में गई थी नौकरी
  • फूड ब्लॉगिंग, आदिवासी लाइफ दिखाते हैं इसक मुंडा
  • इंटरनेट पर इसक मुंडा के वीडियोज ने मचाई धूम

किस्मत कब किसकी और कैसे बदल जाए, कहा नहीं जा सकता. इसे सच कर दिखाया है ओडिशा के युवक ने, जिसने सातवीं क्लास में ही स्कूल छोड़ दिया था. आदिवासी परिवार से आने वाले इसक मुंडा ने पढ़ाई छोड़ने के बाद मजदूरी की, फिर यूट्यूब पर वीडियोज अपलोड करने लगा. धीरे-धीरे प्रशंसक बढ़े और ऐसा धमाल मचा कि अब लाखों में इस युवक के फॉलोअर हैं. 

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करीब लाख रुपये यूट्यूब से कमाई भी हो जाती है. कभी कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन में रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे इसक मुंडा अब 'यूट्यूब' में लाखों फॉलोअर्स के साथ इंटरनेट सनसनी बन गए हैं. उनकी कमाई अब एक लाख रुपये प्रति महीने के करीब है.

भले ही इस युवक ने यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर जुटा लिए हों, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन में सारी पूंजी खोने के बाद कभी उन्होंने सोचा नहीं था कि जिंदगी इस तरह से बदलेगी. इसक मुंडा ने कभी सपने में नहीं सोचा था कि जिंदगी ऐसे करवट लेगी और सफलता का स्वाद वे चख सकेंगे.

पाकिस्तानी यूट्यूबर को लड़कियों से प्रैंक पड़ा भरा, जाना पड़ा जेल 

स्टार यूट्यूबर बनने से पहले इसक मुंडा एक झोपड़े में अपनी पत्नी, दो बच्चियों और एक बच्चे के साथ रहते थे. बहुत मुश्किल से रोजी-रोटी वे चला पाते थे. 35 वर्षीय सातवीं पास इसक मुंडा ओडिशा के संबलपुर जिले के बाबूपालि गांव में रहते हैं. इसक मुंडा एक कंस्ट्रक्शन मजदूर के तौर पर काम करते थे. कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. लॉकडाउन बढ़ता रहा और घर में बैठे-बैठे उनकी सारे जमा किए गए पैसे खत्म हो गए.

लॉकडाउन में रोजी-रोटी चलानी हुई थी मुश्किल!

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लॉकडाउन में एक-एक दिन जैसे-जैसे बीत रहे थे, उनका संघर्ष बढ़ता जा रहा था. अपने परिवार के लिए खाना जुटा पाना भी उनके लिए लगातार मुश्किल साबित होता रहा. उनके कुछ दोस्तों ने इसी वक्त सलाह दी कि वे हर दिन अपलोड पर कुछ अलग वीडियोज अपलोड करें, और उन्हें मोनेटाइज कर दें.

उधार लेकर खरीदा था मोबाइल

3000 रुपयों और दोस्तों से लिए गए उधार के बाद उन्होंने एक स्मार्टफोन लिया और वीडियोज रिकॉर्ड करने लगे. वीडियोज भी ऐसे जो हर दिन वे काम करते, जहां जाते और खास तौर पर खाने के तरीकों से संबंधित वीडियोज उन्होंने अपलोड किया. उनका यूट्यूब चैनल Isak Munda Eating खाने पर आधारित है. यह एक फूड वीडियो ब्लॉगिंग का चैनल है.

 

गांव में एक झोपड़ी में रहता है इसक मुंडा का परिवार


लाखों लोग देखते हैं वीडियोज

लोग आदिवासी समाज के बारे में जानने को इच्छुक होते हैं. ऐसे में जब इसक मुंडा अपने वीडियोज यूट्यूब पर अपलोड करने लगे तो धीरे-धीरे बड़ी संख्या में लोग उनके चैनल को सब्सक्राइब करने लगे. देखते-देखते उनके साथ लाखों लोग जुड़ गए. इसक मुंडा के समर्थन में बड़ी संख्या में दूसरे यूट्यूबर भी आने लगे.  वीडियोज वायरल होते ही उनके सब्सक्राइबर्स एक दिन में 1 लाख 79 हजार फॉलोअर हो गए.  
 

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...लॉकडाउन में घर चलाना भी था मुश्किल!

मुंडा के हालिया पोस्टेड वीडियो 'फिश एंड राइस इटिंग इंडियन विलेज' को 1.5 लाख से ज्यादा लोग महज कुछ घंटो में देख चुके हैं. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि हम हर दिन कमाकर खाने वाले लोग हैं. अगर हम हर दिन नहीं कमाएंगे तो हम खा नहीं सकते. 2020 में लगे लॉकडाउन की वजह से हमारे सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह थी कि कैसे हम जिंदा रहेंगे.

उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी यtट्यूब पर अपने दोस्तों के साथ वीडियोज देखती है. मुझा लगता था कि लोग वीडियोज देखने में अपना वक्त जाया करते हैं. मुझे लगा कि अगर मैं भी आदिवासी जीवन और खान-पान से संबंधित वीडियोज अपलोड करूं तो लोग इसे देखेंगे. मैं भी इससे कमा सकूंगा. इसलिए मैंने यूट्यूब के लिए वीडियोज बनाना शुरू कर दिया.'
 


 

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