
ओडिशा (Odisha) में कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और विधायकों के निलंबन के खिलाफ आज विधानसभा का किया घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया. पार्टी के 14 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. इस विरोध प्रदर्शन में AICC ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) के अध्यक्ष भक्त चरण दास, कांग्रेस के कई विधायक और अन्य नेता शामिल हुए.
हाल ही में विधानसभा में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहिनीपति पर ‘दुर्व्यवहार और अनियंत्रित व्यवहार’ का आरोप लगा और उन्हें सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था.
क्यों निलंबित किए गए थे विधायक?
मंगलवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में 12 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया. निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के अंदर ही धरना दिया और रात भर महात्मा गांधी मार्ग पर सड़क पर ही डटे रहे.
बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त मार्च निकालते हुए विधानसभा की ओर कूच किया. इस दौरान सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हो गई. स्थिति बिगड़ते देखकर विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने कांग्रेस के बचे हुए दो विधायकों, तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश जेना को भी निलंबित कर दिया.
यह भी पढ़ें: केरल में नहीं दिखता खानपान का भेदभाव, लेकिन ओडिशा में अलग सोच... GDB सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े
कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि वे सदन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि पार्टी महिलाओं के खिलाफ अपराधों और विधायकों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार को घेरती रहेगी.