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46 साल बाद खोला गया पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्राचीन खजाना... यहां मौजूद हैं सांप, अलर्ट पर मेडिकल टीम

आज 46 साल बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) का खजाना खोल दिया गया है. यहां सांपों की मौजूदगी की आशंका को लेकर स्नेक हेल्पलाइन के साथ ही मेडिकल टीम भी मौजूद रही. ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि मंदिर का रत्न भंडार खोलने के बाद जेवरातों व कीमती चीजों की सूची तैयार होगी.

भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में मौजूद लोग. भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में मौजूद लोग.
ऋतिक/अजय कुमार नाथ
  • भुवनेश्वर,
  • 14 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple ) के खजाने यानी रत्न भंडार को आज 46 साल बाद एक बार फिर खोला गया. ओडिशा CMO की ओर से कहा गया है कि पुरी में 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाना रत्न भंडार 46 साल बाद खोल दिया गया है.

इस खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार होगी. कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि दुनियाभर में रह रहे भगवान जगन्नाथ के भक्तों को काफी समय से इस पल का इंतजार था. आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन किया जाएगा. इस दौरान मेडिकल टीम और स्नेक हेल्पलाइन मौजूद रही.

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इस खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है. इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोला गया. ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी तय है.

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मंदिर परिसर में मेटल डिटेक्टर के साथ पुलिस की गाड़ियां और स्नेक हेल्पलाइन टीम मौजूद रही. रत्न भंडार समिति ने भी उच्च स्तरीय बैठक की थी. मंदिर में स्नेक एक्सपर्ट रहे. मंदिर के रत्न भंडार के खजाने के लिए बड़े ट्रंक बॉक्स लाए गए. इस मौके पर एसपी पिनाक मिश्रा पुलिस बल के साथ मौजूद रहे. पुजारी माधव पूजा पंडा सामंत भी रहे.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षक डीबी गडनायक ने कहा कि इंजीनियर मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार का निरीक्षण करेंगे. ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मियों ने रत्न भंडार के अंदर लाइटें लगाईं. आशंका है कि खजाने के अंदर सांप हैं. स्नेक हेल्पलाइन के सदस्य शुभेंदु मलिक ने कहा कि हम राज्य सरकार के निर्देश पर आए हैं. सांप पकड़ने वालों की दो टीमें मौके पर हैं. एक टीम मंदिर के अंदर और दूसरी मंदिर के बाहर है.

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खजाने के लिए मंदिर परिसर में लाए गए स्पेशल बॉक्स.

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कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के सामने एसओपी की चर्चा की थी. अब दिशा-निर्देश के आधार पर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. खजाने के आभूषणों की डिजिटल फोटोग्राफी कराई जाएगी.

मंत्री ने कहा कि जेवरात की सूची को लेकर पारदर्शिता रखने के लिए आरबीआई की मदद ले रहे हैं. आरबीआई के प्रतिनिधि सूची बनाए जाने के दौरान मौजूद रहेंगे. इसके लिए प्रबंध समिति द्वारा गठित टीम के साथ काम करेंगे. हर कार्य के लिए अलग टीमें हैं.

रत्न भंडार के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है. इनमें एएसआई, सेवकों, प्रबंध समिति और हाई पावर कमेटी के प्रतिनिधियों को विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है.

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पिछली बार इन्वेंट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 70 दिन से अधिक का समय लगा था. हरिचंदन ने कहा कि इस कार्य से न तो अनुष्ठान और न ही दर्शन प्रभावित होंगे. पिछली बीजद सरकार ने अपने 24 साल के शासन के दौरान रत्न भंडार नहीं खोला था. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर इसे खोला है. हमने प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए इसे भगवान जगन्नाथ पर छोड़ दिया है. 

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

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