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ओडिशा के शिवमंदिरों में गांजे का इस्तेमाल प्रतिबंधित, धर्मगुरु की चिट्ठी पर लिया गया एक्शन

ओडिशा में अब शिव मंदिरों में गांजे के इस्तेमाल पर रोक लगने जा रही है. राज्य सरकार ने इस बैन को सख्ती के साथ लागू करने का फैसला लिया है. बैन लगाने का ऐलान अनंत बलिया ट्रस्ट के प्रमुख पद्म श्री बाबा बलिया की चिट्ठी के बाद लिया गया है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • भुवनेश्वर,
  • 24 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

ओडिशा सरकार ने पूरे राज्य के शिव मंदिरों में गांजे के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया है. सरकार ने ऐलान करते हुए कहा है कि इस फैसले को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा. ओडिशा के सभी जिलों और पुलिस अधिकारियों को उड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की तरफ से इसके निर्देश जारी किए गए हैं.

पत्र में सरकार ने कहा है कि ओडिशा के किसी भी शिव मंदिर में गांजे का किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. राज्य के संस्कृति मंत्री अश्विनी पात्रा ने कहा कि इससे पहले खुर्दा के बानापुर में भगवती मंदिर में पशु बलि की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और बाद में इसे अधिकांश मंदिरों में लागू किया गया. ठीक इसी तरह ओडिशा के सभी शिव मंदिरों में गांजे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.

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बाबा बलिया ने लिखी थी चिट्ठी

ओडिशा सरकार ने यह फैसला अनंत बलिया ट्रस्ट के प्रमुख पद्म श्री बाबा बलिया की चिट्ठी के बाद लिया है. पिछले महीने ही उन्होंने आबकारी विभाग को पत्र लिखकर गांजे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी.

अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि इसका असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. इस तरह के नशे को 'भोग' या प्रसाद के नाम पर किया जा रहा है.

कांग्रेस विधायक ने किया विरोध

भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में देवता को गांजा नहीं चढ़ाया जाता. यह भद्रक के अखंडलामणि मंदिर में 'घरसाना' अनुष्ठान के दौरान होने वाली एक सदियों पुरानी प्रथा है. अनुष्ठान के बाद इसे भक्तों को 'भोग' के रूप में भी दिया जाता है.

कांग्रेस विधायक सुरेश राउत्रय ने ओडिशा सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि भगवान नारायण को भांग चढ़ाई जाती है, जबकि गांजा भगवान शिव को चढ़ाया जाता है. ये 'भोग' हैं और इन्हें प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए.

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