
युवा जोड़ों के बीच तलाक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, ओडिशा सरकार ने मंगलवार को राज्य में प्री मेरिटल काउंसिलिंग सेंटर खोलने का फैसला किया है. इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहातकर के सुझाव के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ये फैसला लिया है.
उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने कहा, राज्य 2025 को 'तलाक रोकथाम वर्ष' के रूप में मनाएगा. रहातकर ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर थीं और उन्होंने यहां ओडिशा राज्य महिला आयोग के 32वें स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया.
इस मौके पर उन्होंने राज्य सचिवालय में सीएम से मुलाकात की. एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन के सुझावों को स्वीकार करते हुए माझी ने कहा कि यदि काउंसिलिंग सेंटर के जरिए शादी से पहले सांसारिक जीवन के बारे में उचित सलाह दी जाए तो तलाक की दर कम हो जाएगी.
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार महिलाओं के लिए विशेष ग्राम बैठकें (ग्राम सभा) आयोजित करें, बाल विवाह और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए उपाय करें और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करें.
रहातकर ने कहा कि एनसीडब्ल्यू राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने और लैंगिक न्याय को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा, जो महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग की प्रभारी भी हैं, ने कहा कि राज्य 2025 को "तलाक रोकथाम वर्ष" के रूप में मनाएगा.
परिदा ने कहा, "हमें उम्मीद है कि काउंसिलिंग सेंटर के माध्यम से ऐसे कई तलाक के मुद्दों को हल किया जा सकता है.' डीसीएम ने यह भी कहा कि ओडिशा में महिलाओं की स्थिति तेजी से बदल रही है और राज्य सरकार उन्हें वित्तीय सहायता योजना सुभद्रा योजना के साथ सशक्त बना रही है.