
लोकसभा में ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक 'नारी-शक्ति वंदन अधिनियम' को मंजूरी मिल गई है. अब इसे आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. जनप्रतिनिधि के रूप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए जाने का प्रत्येक दल की तरफ से स्वागत किया गया है. इस विधेयक को लेकर तमाम बहस और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. आइए जानते हैं कि 17वीं लोकसभा में किस राज्य से महिला सांसदों की कितनी भागीदारी है...
वर्तमान में 17वीं लोकसभा कई मामलों में पिछली लोकसभाओं से बिल्कुल अलग देखी गई है. इसके पास ना सिर्फ 1984 के बाद से किसी एक पार्टी को मिला सबसे बड़ा बहुमत है, बल्कि महिला सांसदों की संख्या भी अब तक की सबसे ज्यादा है. 17वीं लोकसभा में कुल 78 महिला सांसद चुनकर आईं. लोकसभा चुनाव में उनका स्ट्राइक रेट लगभग 14 प्रतिशत रहा. चुनाव में विभिन्न दलों ने 715 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. इनमें से 78 ने जीत हासिल की.
'2014 में 11 प्रतिशत और 2019 में 14 फीसदी महिलाएं जीतीं'
इतना ही नहीं, महिला उम्मीदवारों की विनिंग परफॉर्मेंस को देखा जाए तो पुरुषों से करीब पांच प्रतिशत बेहतर प्रदर्शन रहा. 17वीं लोकसभा में 7,334 पुरुष उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे और कुल 464 ने ही जीत हासिल कर पाई. इससे पहले 2014 के चुनाव में 62 महिला सांसद लोकसभा के लिए चुनी गईं. 2014 में महिलाओं की 11.3 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. जबकि 2019 में महिलाओं के जीत का प्रतिशत बढ़ा और 14 प्रतिशत हो गया. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि लोकसभा में उनकी हिस्सेदारी 1951-52 के बाद से लगभग तीन गुना हो गई है, तब यह सिर्फ पांच प्रतिशत थी.
किस राज्य में कितनी महिला सांसद...
'नारी शक्ति' में ओडिशा सबसे आगे है. वहां 2019 में सबसे ज्यादा महिला सांसद चुनकर आईं. जबकि केरल और तेलंगाना में महिला सांसदों की हिस्सेदारी सबसे कम रही. इन दोनों राज्यों में महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व 5% और 6% है.
राज्य | कुल सांसद | महिला सांसद | महिला सांसदों का प्रतिशत |
ओडिशा | 21 | 7 | 33 |
छत्तीसगढ़ | 11 | 3 | 27 |
पश्चिम बंगाल | 42 | 11 | 26 |
गुजरात | 26 | 6 | 23 |
महाराष्ट्र | 48 | 8 | 17 |
आंध्र प्रदेश | 25 | 4 | 16 |
पंजाब | 13 | 2 | 15 |
उत्तर प्रदेश | 80 | 11 | 14 |
मध्य प्रदेश | 29 | 4 | 14 |
झारखंड | 14 | 2 | 14 |
राजस्थान | 25 | 3 | 12 |
हरियाणा | 10 | 1 | 10 |
बिहार | 40 | 3 | 8 |
तमिलनाडु | 39 | 3 | 8 |
कर्नाटक | 28 | 2 | 7 |
असम | 14 | 1 | 7 |
तेलंगाना | 17 | 1 | 6 |
केरल | 20 | 1 | 5 |
बता दें कि यहां सिर्फ लोकसभा में 10 से अधिक सांसदों वाले राज्यों का जिक्र किया गया है.
महिला आरक्षण बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े
बता दें कि लोकसभा और राज्यसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी-शक्ति वंदन अधिनियम को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला है. विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 2 मत पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद ट्वीट किया कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में बिल पारित होने पर खुशी हुई. उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के सचिव पद पर तैनात अफसरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अफसरों की तैनाती नहीं होने का सवाल उठाया है.