
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे को 36 घंटे बीत चुके हैं. आलम यह है कि अभी भी इस ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हो पाया है. अभी भी ट्रैक पर ट्रेन एक्सीडेंट के कारण क्षतिग्रस्त बोगियों का मलबा पसरा हुआ है. जिसे साफ किया जा रहा है. हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं, हालिया नए आए अपडेट में सामने आया है कि घायलों की संख्या 1091 हो गई है. रातभर में पटरियों पर पसरा अधिकांश मलबा हटा लिया गया है.
साइट से साफ किया जा रहा है मलबा
दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से जारी विज्ञप्ति में हादसे और राहत कार्य के साथ रीस्टोरेशन वर्क की स्थिति बताई गई है. आधिकारिक तौर पर सामने आया है कि, सभी 21 कोच जो पलट गए और पटरी से उतर गए, उन्हें ग्राउंड (ट्रैक पर खड़ा किया) कर दिया गया है. इसके साथ ही अब साइट से टूटी बोगी/व्हील सेट और अन्य कलपुर्जों से साफ किया जा रहा है. मलबे को भी हटाया जा रहा है. अभी 3 माल वैगन और लोकोमोटिव ग्राउंडिंग का काम चल रहा है. ट्रैक लिंकिंग और ओएचई का काम भी साथ-साथ चल रहा है.
हादसा स्थल पर मरम्मत कार्य जारी
उधर, बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर रात में भी मरम्मत का काम जा रहा है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक लोग स्थिति को सुचारू रूप से फिर संचालित करने में लगे हुए हैं. ट्रेनों का आवागमन जल्दी हो सके इसके लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीन, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात हैं. साइट को पूरी तरह से क्लियर करने की कवायद चल रही है.
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने रीस्टोरेशन के जारी काम को लेकर कहा कि, एक तरफ से कनेक्टिंग ट्रैक का काम चल रहा है, काम को जल्द से जल्द खत्म कर देंगे.
इससे पहले, पीएम मोदी ने बालासोर के स्थानीय लोगों की बचाव अभियान में मदद के लिए सराहना की. विपरीत परिस्थितियों में दिखाया गया साहस और करुणा वास्तव में प्रेरणादायक है.
चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पर हुई ये व्यवस्था
बालासोर में ट्रेन हादसे में प्रभावित हुए यात्रियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर विस्तृत व्यवस्था की गई है. इसके लिए स्पेशल ट्रेन भद्रक से आ रही है. स्टेशन पर कई हेल्थ डेस्क स्थापित किए गए हैं. भारी सुरक्षा की मौजूदगी के साथ, स्टैंड बाई पर एंबुलेंस और व्हील चेयर भी लाए गए हैं.
यात्रियों को जरूरत के हिसाब से उनके घर तक पहुंचाने के लिए कैब ड्राइवरों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है.
मेडिकल के लिए ये की है तैयारी
दुर्घटना पीड़ितों के लिए किए गए प्रबंधों पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने बातचीत में बताया कि मेडिकल एक्सपर्ट और पैरामेडिकल स्टाफ वाली 6 टीमें रेलवे स्टेशन पर हैं. स्पेशल ट्रेन में 290 लोगों के आने की उम्मीद है. उनमें से कई घायल नहीं हैं. इनमें से कुछ ही लोगों को मामूली चोटें आई हैं.
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सहित एंबुलेंस को तैयार रखा गया है.
मृतकों-घायलों का तैयार हो रहा डेटा
जिन लोगों को चिकित्सा की आवश्यकता है या आगे के उपचार के लिए उन्हें राजीव गांधी सामान्य अस्पताल ले जाया जाएगा. कैजुअल्टी और आईसीयू बेड तैयार रखे गए हैं. शुरुआती स्वास्थ्य जांच के बाद यात्री की स्थिति के आधार पर हम उन्हें अस्पताल ले जाएंगे. नहीं तो जिला प्रशासन ने उन्हें घर ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि 'हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जो लोग पहले ही दुर्घटना के कारण घायल हो चुके हैं, वे यहां से आसानी से निकल सकें. तमिलनाडु के कितने लोग घायल/मृत हुए हैं, इस पर डेटा अभी भी संकलित किया जा रहा है.
घटना स्थल पर पहुंचे थे पीएम मोदी
बता दें कि शनिवार को, पीएम मोदी ओडिशा के बालासोर में भीषण रेल हादसा होने के बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया था. इसके बाद वो अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना और उनसे बातचीत की. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा था कि जो भी लोग इस घटना में दोषी पाए जाएंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. इस दौरान पीएम मोदी बेहद दुखी भी नजर आए. बता दें कि इस रेल हादसे में अब तक 288 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हैं. उन्होंने मीडिया को दिए अपने संबोधन में कहा था, 'बहुत ही दर्दनाक और विचलित करने वाला हादसा है, मेरे पास इस वेदना को प्रकट करने के लिए शब्द नहीं है, ईश्वर सब को शक्ति दें ताकि वो दुख की घड़ी से निकल सकें.'