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ओडिशा ट्रेन हादसे पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा है कि इस घटना में साजिश हो सकती है. इस पूरी घटना की गंभीरता से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना की टाइमिंग अजीब है. पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच हो और इस मामले का एनालिसिस करना चाहिए. यह एक भयानक हादसा है.
पूर्व रेल मंत्री त्रिवेदी ने कहा कि मैं जो दृश्य देख रहा हूं, ऐसा लग रहा है कि मानो भूकंप के बाद का मंजर हो. हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि जापान की तरह एक भी मौत न हो. नई टेक्नोलॉजी आ रही है, जिसे रेलवे सिस्टम में शामिल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में साल 2010 में एक बड़ा रेल हादसा हो गया था. इस हादसे के बाद दस साल तक वहां ट्रेनें नहीं चलीं. घटना में गीतांजलि एक्सप्रेस पर एक मालगाड़ी चढ़ गई थी, जिसमें लगभग 150-180 लोगों की मौत हो गई थी. 2010 के एक जांच आयोग ने इस घटना को बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज किया था. 2010 के जांच आयोग ने कहा था कि घटना बड़ी त्रासदी है.
हादसे में अब तक 280 लोगों की हो चुकी है मौत
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट में अब तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है. आर्मी, एयरफोर्स सहित कई टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. ट्रेन के डिब्बों में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. ट्रेन के डिब्बों में खाने-पीने की चीजें, पानी की बोतलें, चप्पल-जूते आदि बिखरें हुए हैं. बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गईं. टक्कर के बाद ट्रेन का इंजन बोगी पर चढ़ गया. घटना के बाद ट्रेन की बोगियों में खाने-पीने की चीजें बिखरी पड़ी हैं. ट्रेन के डिब्बों में पानी की बोतलें, खाने का सामान, चप्पल-जूते बिखरे पड़े हैं. ट्रेन के अंदर इमरजेंसी अलार्म अभी भी बज रहा है. कहा जा रहा है कि बोगियों में और भी लोगों के फंसे होने की आशंका है, रेस्क्यू टीमें जुटी हुई हैं.
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दुर्घटना के मद्देनजर शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. बता दें कि ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 6:51 बजे हुए भीषण ट्रेन एक्सीडेंट के बाद देश में शोक की लहर है.
हादसे के समय नाश्ता कर रहे थे कुछ लोग
ओडिशा के बालासोर में जिस समय कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई, उस समय ट्रेन में लोग नाश्ता कर रहे थे. हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई. हादसे के समय पैसेंजर्स ने ट्रेन से बाहर निकलने की कोशिश की. हादसे के बाद बोगियों के परखच्चे उड़ गए. विंडो की कांच को तोड़कर लोगों को बाहर निकाला गया.
हादसे के बाद ट्रेन के आगे की कई मीटर तक पटरी गायब हो गई. बालासोर में बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) और मालगाड़ी की भीषण टक्कर में अब तक 280 मौतें हो चुकी हैं. बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी हादसे का शिकार हुई है.
एक अधिकारी के अनुसार, ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए और बगल की पटरियों पर जा गिरे. पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने कहा कि हादसे में घायल हुए लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
लोगों ने घायलों के लिए डोनेट किया 500 यूनिट ब्लड
हादसे के बाद घायलों के लिए लोगों ने ब्लड डोनेट किया. बालासोर में रातभर में पांच सौ यूनिट ब्लड डोनेट किया गया. वहीं नौ सौ यूनिट ब्लड स्टॉक में है. इससे घायलों के इलाज में मदद मिलेगी.
आर्मी, एयरफोर्स के साथ ये टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं
इस हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आर्मी, एयरफोर्स के साथ ही एनडीआरएफ के अलावा स्थानीय पुलिस व रेलवे पुलिस की टीमों के अलावा जिला प्रशासन की टीम भी लगी है. करीब 60 एंबुलेंस लगाई गई हैं, लेकिन घायलों की संख्या बहुत ज्यादा है, इसलिए घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए बड़ी संख्या में बसें जुटाई जा रही हैं.
घायलों के लिए 60 से ज्यादा एंबुलेंस तैनात
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में एयरफोर्स और आर्मी के साथ एनडीआरएफ की टीमें जुटी हैं. उड़ीसा सरकार की स्पेशल रेस्क्यू ऑपरेशन टीम को भी लगाया गया है.
हादसे में घायल हुए लोगों के लिए 60 से ज्यादा एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं. मुख्य रूप से चार अस्पतालों में इलाज की व्यवस्थाएं की गई हैं. हादसे का शिकार हुए ज्यादातर लोग बंगाल के रहने वाले हैं.