
ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने ट्रेन त्रासदी के पीछे 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव' को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों पर एक्शन लिया जाएगा. दूसरी तरफ दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ोन के मुख्य परिचालन प्रबंधक का एक पुराना पत्र भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने तीन महीने पहले ही 'सिस्टम में गंभीर खामियों' के बारे में चेतावनी दी थी और इंटरलॉकिंग सिस्टम की विफलता के बारे में चिंता जताई थी.
इंडिया टुडे को मिले एक पत्र में, दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ोन के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक ने 9 फरवरी को एक एक्सप्रेस ट्रेन के सिग्नल फेल होने की चिंता जताई थी, जो एक लोको पायलट की सतर्कता के कारण टल गई थी. इस पत्र में उन्होंने 08.02.2023 को हुई बहुत ही गंभीर असामान्य घटना का जिक्र किया है.
इस पत्र में वह कहते हैं कि घटना (8 फरवरी को हुई घटना) से संकेत मिलता है कि 'सिस्टम में गंभीर खामियां हैं जहां एसएमएस पैनल पर रूट के सही दिखने के साथ सिग्नल पर ट्रेन शुरू होने के बाद डिस्पैच का मार्ग बदल जाता है. यह इंटरलॉकिंग के सार और बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाए और दक्षिण पश्चिम रेलवे क्षेत्र में रेलवे स्टेशनों की सिग्नलिंग प्रणाली में मौजूद खामियों को ठीक करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं.'
अधिकारी ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सिग्नल रखरखाव प्रणाली की निगरानी नहीं की गई और उसे तुरंत ठीक नहीं किया गया, तो इससे और गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं. इस पत्र के सामने आने के बाद बालासोर रेल दुर्घटना को लेकर रेलवे पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
आपको बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार देर रात दो पैसेंजर ट्रेनों और एक मालगाड़ी के आपस में टकरा जाने से कम से करीब 275 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक घायल हो गए. रेल मंत्री ने इसके बाद बयान देते हुए कहा कि, 'रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मामले की जांच की है और जांच रिपोर्ट आने दीजिए, लेकिन हमने घटना के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली है... यह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ.