
लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और विपक्षी इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc) के बीच आम सहमति नहीं बनने के बाद दोनों गठबंधनों ने अलग-अलग उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. अब 26 जून को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ प्रोटेम स्पीकर अगले अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए मतदान कराएंगे. राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद ओम बिरला और केरल के मवेलीकारा से 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने क्रमश: एनडीए और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
ओम बिरला बनाम के सुरेश: 543 सदस्यीय लोकसभा में किसा पलड़ा भारी?
543 सदस्यीय लोकसभा में वर्तमान में 542 सांसद हैं, क्योंकि केरल की वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली है. सदन में 293 सांसदों वाले एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है. वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक के पास 233 सांसद हैं. वहीं अन्य दल जो न एनडीए का हिस्सा हैं और न इंडिया ब्लॉक के उनके 16 सांसद हैं. इनमें कुछ निर्दलीय भी शामिल हैं. अगर ये 16 सांसद इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार का समर्थन करते हैं, तब भी उसकी संख्या 249 तक पहुंचेगी. जबकि चुनाव जीतने के लिए 271 वोटों की जरूरत होगी.
लोकसभा में संख्याबल एनडीए के पक्ष में होने के साथ, ओम बिरला लगातार दूसरी बार स्पीकर बनने की रेस में विपक्षी उम्मीदवार के सुरेश से आगे नजर आ रहे हैं. ओम बिरला पहली बार 2014 में कोटा से लोकसभा सांसद बने थे. वह 2019 में दोबारा जीते और उन्हें सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. वह कोटा से इस बार लगातार तीसरी बार सांसदी का चुनाव जीते हैं.
स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?
लोकसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से चुना जाता है. साधारण बहुमत से तात्पर्य सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले 50% से अधिक सदस्यों से है. जिस उम्मीदवार को 50 फीसदी से अधिक सांसदों का वोट मिलेगा वह स्पीकर पोस्ट के लिए चुना जाएगा. लोकसभा की 542 सीटों में से 293 सीटें एनडीए के पास हैं. वहीं 542 का आधा 271 होता है. इस तरह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास सदन में बहुमत है और उसे अपनी पसंद का अध्यक्ष चुनने में कोई कठिनाई नहीं होने की संभावना है.
क्या इंडिया गुट के पास कोई मौका है?
इंडिया ब्लॉक के लिए स्पीकर पोस्ट हासिल करने की संभावना तब तक नहीं है, जब तक कि जेडीयू और टीडीपी जैसे महत्वपूर्ण एनडीए दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के सुरेश के समर्थन में क्रॉस वोटिंग नहीं करते. लेकिन एनडीए के दो बड़े सहयोगियों टीडीपी और जदयू ने पहले ही बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के साथ जाने का फैसला किया है. वहीं, इंडिया ब्लॉक को बाहर से समर्थन दे रहीं ममता बनर्जी ने स्पीकर पोस्ट के लिए उम्मीदवार चयन के निर्णय में खुद को शामिल नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. अगर उनकी पार्टी टीएमसी के सांसदों ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया तो इंडिया ब्लॉक के लिए 29 सांसदों का समर्थन कम हो जाएगा और उसकी संख्या 204 पर सिमट जाएगी.
एनडीए में शामिल प्रमुख दलों में अकेले बीजेपी के 240 सांसद हैं, टीडीपी के 16, जदयू के 12, शिवसेना के 7, लोजपा के 5, रालोद के 2, अपना दल और एनसीपी के 1-1 सांसद शामिल हैं. इसके अलावा 1-1 सांसदों वाले अन्य दल भी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हैं. वहीं इंडिया ब्लॉक में शामिल प्रमुख दलों में कांग्रेस के 99 सांसद हैं. इसके बाद समाजवादीद पार्टी 37 सांसदों के साथ दूसरा सबसे बड़ा विपक्षी दल है. टीएमसी के 29, डीएमके के 22 सांसद हैं. शिवेसना यूबीटी के 9, एनसीपी (शरद पवार गुट) के 8 सांसद, आम आदमी पार्टी के 3 सांसद, जेएमएम के 3 सांसद इंडिया ब्लॉक के साथ हैं.