
लोकसभा अध्यक्ष पद पर कई दिनों की अनिश्चितता के बाद, एनडीए (भाजपा के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन) ने ओम बिरला को फिर से इस पद के लिए नामित करने का फैसला किया है. पिछली लोकसभा में भी राजस्थान के कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला स्पीकर थे. इस खबर के सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नाडयू को आगाह किया.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, 'ऑपरेशन लोटस 2.0 के संकेत मिल रहे हैं. नीतीश बाबू और सीबीएन गारू सावधान रहें, पहला निशाना आप दोनों हो सकते हैं'. दरअसल, पिछले साल दिसंबर में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के करीब 150 सांसदों को कार्यवाही में बांधा डालने और असंसदीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. निलंबित सांसदों में लोकसभा सदस्यों की संख्या सर्वाधिक थी.
विपक्षी सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई ओम बिरला के लोकसभा अध्यक्ष रहते हुई थी. उमर अब्दुल्ला ने अपने X पोस्ट में शायद इसी घटना को लेकर बीजेपी और ओम बिरला पर कटाक्ष किया है और एनडीए के सहयोगी दलों जदयू और टीडीपी को चेताया है. बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं हासिल हुआ. उसे 240 सीटें मिलीं और एनडीए को 293 सीटें. इस तरह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार किंगमेकर बनकर उभरे हैं.
दोनों नेताओं की पार्टियां टीडीपी और जदयू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हैं. टीडीपी के पास 16 लोकसभा सांसद हैं और जदयू के पास 12 सांसद. इस तरह इन दोनों के 28 सांसदों के समर्थन से भाजपा बहुमत के आंकड़े 272 के पार पहुंची है. वहीं इंडिया गुट के 236 सांसद हैं. इसमें कांग्रेस के 99, सपा के 37, डीएमके के 22 सांसद शामिल हैं. संसद में कांग्रेस के बाद सपा और टीएमसी सबसे बड़े विपक्षी दल हैं. टीएमसी के 29 सांसद हैं. भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में यह सिर्फ तीसरी मौका है, जब लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा.
इससे पहले 1952 और 1976 में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था. पिछले 48 वर्षों से सत्ता पक्ष और विपक्ष आम सहमति से स्पीकर का चुनाव करते आ रहे थे. लेकिन इस बार एनडीए और इंडिया गुट के बीच आम सहमति नहीं बन पायी. इंडिया गुट की शर्त थी कि डिप्टी स्पीकर का पोस्ट विपक्ष को मिले, तब वह स्पीकर पोस्ट के लिए सत्ता पक्ष का समर्थन करेगा. लेकिन एनडीए को यह शर्त मंजूर नहीं थी. स्पीकर पोस्ट के लिए ओम बिरला एनडीए के उम्मीदवार हैं, जबकि 8 बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार हैं.