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Omicron लेकर आएगा भारत में तीसरी लहर! जानिए अब तक की रिसर्च क्या बताती है?

दुनिया में जिस तरह से ओमिक्रॉन फैल रहा है, उसे देखकर लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है. भले ही अभी भी ओमिक्रॉन पर रिसर्च पूरी नहीं हुई है. लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि ओमिक्रॉन से भारत में तीसरी लहर आ सकती है.

ओमिक्रॉन का बढ़ता खतरा ओमिक्रॉन का बढ़ता खतरा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST
  • ओमिक्रॉन खतरे के बीच तीसरी लहर का डर
  • एक्सपर्ट ने बताई अपनी राय

दुनिया  में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. 24 नवंबर को ओमिक्रॉन के पहले केस की पुष्टि के बाद से अबतक यानी सिर्फ दस दिनों में ही ये नया वेरियेंट 38 देशों में फैल चुका है. दुनियाभर में ओमिक्रॉन वेरियेंट के अबतक करीब 400 केस सामने आ चुके हैं. ओमिक्रॉन का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में मिला था. जहां अबतक 183 लोग इस वेरिएंट से संक्रमित हो चुके हैं. इसके बाद सबसे ज्यादा 19 केस बोत्सवाना में आए हैं.ब्रिटेन में 32 और नीदरलैंड्स में 19 केस की पुष्टि हो चुकी है.

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भारत में ओमिक्रॉन के चार मामले

अब इस सूची में भारत का नाम भी रखा जा सकता है क्योंकि यहां भी ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल चार मामले सामने आ चुके हैं. आज भारत में ओमिक्रॉन वेरियेंट के दो नये मामलों की पुष्टि हो गई हैऔर टोटल केस चार हो गये हैं. कर्नाटक में पहले दो केस मिलने के बाद आज एक केस गुजरात के जामनगर से और दूसरा मुंबई में आया है. जामनगर में ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्ति हाल ही में जिम्बाब्वे से भारत आया था. जबकि मुंबई में मिला मरीज केपटाउन से मुंबई लौटा था.

भारत को कम या ज्यादा खतरा?

दुनिया में जिस तरह से ओमिक्रॉन फैल रहा है, उसे देखकर लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है.भले ही अभी भी ओमिक्रॉन पर रिसर्च पूरी नहीं हुई है. लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि ओमिक्रॉन से भारत में तीसरी लहर आ सकती है और सभी को सावधान रहने की जररूत है. अगर राहत की बात कोई दिखाई पड़ रही है तो वो सिर्फ ये है कि भारत में टीकाकरण की गति तेज बनी हुई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर मामले बढ़ते भी हैं, तो शायद स्थिति दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं हो.

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ओमिक्रॉन को लेकर क्या पता चला?

वहीं अभी तक के मामले ये भी बता रहे हैं कि ओमिक्रॉन की वजह से कोई भी गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ा है और किसी की मौत भी नहीं हुई है. ऐसे में वैज्ञानिक अभी भी इस पर रिसर्च कर रहे हैं. शुरुआती तौर पर ये जरूर कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन तेजी से फैल सकता है, लेकिन ये कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं है.

डेल्टा से कितना खतरनाक?

भारत को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि डेल्टा से ज्यादा संक्रमितों को मिली सीरोपॉजिविटी की वजह से नए वेरिएंट का खतरा कुछ कम हो सकता है. लेकिन अभी भी वैज्ञानिक खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. अब इस राहत के बीच चिंता का विषय ओमिक्रॉन का अपना स्वरूप बदलना है. कहा गया है कि ओमिक्रॉन में तीस से ज्यादा बार म्यूटेशन हुआ है. डेल्टा के मुकाबले भी इसे पांच गुना ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. ऐसे में थोड़ी भी लापरवाही फिर बड़ा संकट खड़ा कर सकती है.

सरकार क्या कर रही है?

अभी के लिए भारत में एक ट्रैवल एडवाइजरी पहले ही जारी कर दी गई है. एयरपोर्ट पर भी स्क्रीनिंग और टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. दूसरे राज्यों ने भी एट रिस्क देशों से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन में रखने का फैसला किया है. ऐसे में सख्ती दिखाई जा रही है, अब ये वायरस को रोकने में कितना असरदार साबित होता है, ये आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा.

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