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मटर के एक दाने ने ले ली डेढ़ साल के मासूम की जान, काफी कोशिश के बावजूद डॉक्टर नहीं बचा सके जान

पौष्टिकता और स्वाद की वजह से मटर सबकी फेवरेट है. चाहे कच्ची खाएं या सब्जी बनाकर. मगर कच्ची मटर खाने से जान पर खतरा भी बन सकता है, यह कभी सोचा है आपने? 

सांस की नली में मटर अटकने से बच्चे की मौत. सांस की नली में मटर अटकने से बच्चे की मौत.
सतीश शाहदेव
  • लोहरदगा ,
  • 21 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

झारखंड के लोहरदगा में मटर खाने से डेढ़ साल के एक बच्चे की मौत हो गई. दरअसल, मटर का दाना बच्चे की सांस की नली में जाकर अटक गया. जिससे बच्चे की मौत हो गई. 

यह घटना कैरो थाना क्षेत्र के गुड़ी करंज टोली की है. खुदी उरांव के डेढ़ वर्षीय पुत्र शिवम उरांव को गुरुवार को परिजन खेत पर ले गए थे. वहां खेलते-खेलते उसने मटर का पौधा उखाड़ लिया और घर ले आया. मासूम बच्चे ने खेल-खेल में मटर की फली तोड़ी और दाने मुंह में डाले. दाना गले में अटक जाने से जब बच्चा तड़पने लगा तो परिजनों की नजर उस पर पड़ी. स्थिति बिगड़ती देखकर परिजन बच्चे को सदर अस्पताल ले गए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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इस घटना पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गणेश प्रसाद ने बताया, खाने की नली और सांस की नली दोनों अगल-बगल में होती हैं. खाना खाते वक्त सांस की नली अपने आप बंद हो जाती है. मगर हड़बड़ी में खाने में कई बार सांस की नली खुली रह जाती है और उसमें खाना चला जाता है. बच्चों के साथ ऐसा अक्सर होता है. ऐसा एक केस कुछ समय पहले आया था, जिसमें एक तीन साल के बच्चे की सांस की नली में इमली का दाना अटक गया था. काफी कोशिश के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. 

डॉक्टर ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा मिले तो ऐसे केस में मरीज की जान बचाई जा सकती है. बशर्ते इलाज तुरंत हो. छोटी जगहों पर यह सुविधा नहीं है. बच्चे जब कुछ खा रहे हों तो उनपर नजर रखी जानी चाहिए. ताकि खाना जान पर जोखिम न बने.

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