
केंद्र की मोदी सरकार ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. इस 8 सदस्यीय कमेटी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था. लेकिन अधीर रंजन ने इस समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है.
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है.
वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन पर मोदी सरकार की कमेटी 'डमी कमेटी' है. राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को इस कमेटी में न रखना उनका घोर अपमान है. इस कमेटी का कोई औचित्य नहीं है. विपक्षी गठबंधन INDIA से घबराए मोदीजी (वन नेशन वन इलेक्शन) के नाम पर नक़ली बहस चला रहे हैं.
बता दें कि अधीर रंजन ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में कहा कि मुझे अभी मीडिया के माध्यम से पता चला है कि मुझे 'एक देश-एक चुनाव' के लिए गठित कमेटी के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. मुझे इस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है.
सरकार के सीक्रेट उद्देश्यों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है. इसके अलावा मुझे लगता है कि राज्यसभा में मौजूदा एलओपी को बाहर कर दिया गया है. यह एक संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था का जानबूझकर अपमान है. इन परिस्थितियों में मेरे पास आपके निमंत्रण को अस्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
लॉ मिनिस्ट्री ने शनिवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के लिए गठित कमेटी के सदस्यों के नाम की घोषणा भी कर दी थी. इसमें कुल 8 लोग शामिल किए गए थे. अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था, जबकि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में इस कमेटी का गठन किया गया था.