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सिक्किम में अब सिर्फ रजिस्टर्ड श्रमिक ही काम या नौकरी कर पाएंगे. इसको लेकर राज्य सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य में केवल पंजीकृत श्रमिकों को ही काम करने की अनुमति दी जाएगी. यह निर्देश संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों पर लागू होगा. इसमें भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. पंजीकरण नहीं कराने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के श्रम सचिव रेगुल के ने बताया कि श्रमिकों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है और इसे राज्य के किसी भी नामित कार्यालय में साल के किसी भी समय पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'केवल पंजीकृत श्रमिकों को ही सिक्किम में काम करने की अनुमति होगी. सभी श्रमिकों को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.'
नियोक्ताओं पर भी लगेगा जुर्माना
श्रम विभाग के अनुसार, अगर किसी नियोक्ता के पास बिना पंजीकरण वाले श्रमिक काम करते पाए जाते हैं, तो प्रत्येक अपंजीकृत श्रमिक के लिए 2,500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. वर्तमान में सिक्किम में लगभग 35,000 श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल और बिहार से आते हैं.
श्रम विभाग श्रमिकों के पंजीकरण को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रहा है, ताकि संगठित और असंगठित क्षेत्रों के सभी श्रमिक सिक्किम श्रम (रोजगार और सेवा शर्तों का नियम) अधिनियम, 2021 के तहत पंजीकरण करा सकें.
होटल, दुकान और निर्माण स्थलों पर भी श्रमिक कार्ड अनिवार्य
श्रम सचिव रेगुल के ने बताया कि सिक्किम सरकार ने श्रम कानूनों को सख्त कर दिया है और अब होटल, दुकान और निर्माण स्थलों पर काम करने वाले सभी श्रमिकों के लिए श्रमिक कार्ड प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसका उद्देश्य श्रमिकों का एक सुव्यवस्थित डेटाबेस तैयार करना है.