Advertisement

सर्जिकल स्ट्राइक की तरह सीक्रेट प्लानिंग, शाह-डोभाल की मॉनिटरिंग... 15 राज्यों में यूं हुआ PFI पर एक्शन

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ गुरुवार को 15 राज्यों में NIA की छापेमारी हुई. इसमें करीब 150 ठिकानों पर छापे मारे गए, जिसमें 106 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं. इस ऑपरेशन की प्लानिंग से लेकर इसको अंजाम तक पहुंचाने का काम गृह मंत्री अमित शाह और NSA अजित डोभाल की निगरानी में हुआ है.

बेंगलुरु में PFI दफ्तर के बाहर खड़े पुलिसकर्मी (फोटो- PTI) बेंगलुरु में PFI दफ्तर के बाहर खड़े पुलिसकर्मी (फोटो- PTI)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

सितंबर का महीना, दो तारीख. पीएम मोदी INS विक्रांत भारतीय नेवी को सौंपने के लिए केरल के कोच्चि पहुंचे थे. पीएम की सुरक्षा के लिए NSA अजित डोभाल भी वहां थे. डोभाल का ध्यान यहां पीएम मोदी की सुरक्षा पर तो था ही. लेकिन इस दौरान उनकी टीम एक दूसरे अहम काम में भी जुटी थी. यह काम था पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूरे नेटवर्क को केरल से उखाड़ फेंकने का.

Advertisement

इसके लिए सबसे पहले NSA डोभाल ने केरल में पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की. यहां डोभाल ने पुलिस को अपने एक्शन प्लान की जानकारी दी. फिर केरल से डोभाल मुंबई पहुंचे. यहां लाइमलाइट से दूर रहते हुए डोभाल ने राज्यपाल भवन में सुरक्षा अधिकारियों से मीटिंग की. इस पूरे मिशन को सर्जिकल स्ट्राइक के ऑपरेशन और जम्मू कश्मीर से 370 हटने वाले फैसले की तरह गुप्त रखा गया था. इसके लिए तीन-चार महीने पहले ही प्रमुख इस्लामिक नेताओं से भी मुलाकातें हुई थीं.

150 से ज्यादा ठिकानों पर पड़े छापे

फिर आया एक्शन का दिन. यानी 22 सितंबर 2022. NIA के करीब 200 अफसरों ने पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे. इसमें सौ से ज्यादा टेरर फंडिग के आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. बेहद सीक्रेट तरीके से प्लान किए गए इस ऑपरेशन में एकसाथ 15 राज्यों में करीब 150 ठिकाने पर छापे मारे गए. इसमें केरल से लेकर दिल्ली, यूपी तक एक्शन हुआ. इसमें PFI का राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम केरल से गिरफ्तार किया गया. वहीं दिल्ली PFI प्रमुख परवेज अहमद को भी अरेस्ट किया गया.

Advertisement
PFI सदस्य को पेशी के लिए पटियाला हाउस कोर्ट ले जाते पुलिसकर्मी

यह ऑपरेशन देर रात 1 बजे शुरू हुआ था. ऑपरेशन में 4 आईजी, 1 ADG और 16 SP रैंक के अफसर शामिल थे. पूरी छापेमारी में 150 मोबाइल और 50 लैपटॉप की छानबीन भी हुई है. दिल्ली में गिरफ्तार PFI नेता और कार्यकर्ताओं की पेशी भी हुई. पटियाला हाउस कोर्ट ने इनको 26 सितंबर तक कस्टडी में भेज दिया है.

जानकारी के मुताबिक, पूरा ऑपरेशन गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की देखरेख में हुआ और उन्होंने ही इस पूरे ऑपरेशन की प्लानिंग की थी. अमित शाह के कहने पर ही पूरे प्लान को टॉप सीक्रेट रखा गया. इसी के साथ एजेंसियों के अधिकारियों के एयरक्राफ्ट को भी हर राज्य में बिल्कुल तैयार रखा गया था. ताकि PFI से जुड़े इन लोगों को एयरक्राफ्ट में बैठाकर जल्दी से अलग-अलग लोकेशन पर लाया जा सके. जहां इनसे पूछताछ और इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके.

एकसाथ हुआ एक्शन

PFI पर आज हुए एक्शन की कई खास बाते थीं. पहला यह कि सभी ठिकानों पर एकसाथ छापा मारा गया. इसी के साथ इतने बड़े एक्शन को बेहद शांतिपूर्ण तरीके से निपटा लिया गया. कहीं एक सिंगल गोली भी चलाने की जरूरत नहीं पड़ी. सूत्रों का कहना है कि आने वाले वक्त में कुछ और टेरर ग्रुप्स निशाने पर हैं, जिनपर इनपुट के हिसाब से आगे एक्शन लिया जाएगा.

Advertisement
कर्नाटक में छापे के खिलाफ PFI, SDPI कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, इनको हिरासत में लिया गया

हालांकि, NIA के एक्शन के खिलाफ आवाजें भी उठ रही हैं. केरल के मलप्पुरम में हुई कार्रवाई के खिलाफ वहां PFI कार्यकर्ताओं ने बवाल किया. इसी तरह राजस्थान से PFI के संदिग्ध कार्यकर्ता को पकड़े जाने के खिलाफ जयपुर में हंगामा हुआ. कोटा में PFI के समर्थन में मुस्लिम संगठनों का जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी हुआ था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement