
ओडिशा के राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर एमएसएमई राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी का काफिला जा रहा था. अचानक राज्यमंत्री के काफिले को दो कार ने ओवरटेक किया. तेजी से जब कार राज्यमंत्री के काफिले से आगे निकली, तो मंत्री ने एस्कॉर्ट गाड़ी को पर्यटकों की कार के पीछे लगा दिया.
एस्कॉर्ट गाड़ी ने पर्यटकों की कार को करीब 20 किलोमीटर दूर जाकर रुकवाया और फिर उन्हें वापस बस्ता पुलिस थाने में लाया गया. पर्यटकों को इस जल्दबाजी के चक्कर में अपने पांच घंटे बर्बाद करने पड़े. उन्हें आगे से इस प्रकार की गलती न करने और थाने में हस्ताक्षर करने के बाद छोड़ दिया गया.
ये परिवार कोलकाता का बताया जा रहा है. परिवार के मुखिया संतोष अपने भाई, पत्नी और दो बच्चों के साथ बालासोर जिले के पंचलिंगेश्वर से अपने घर कोलकाता दो कारों से लौट रहे थे. जब उनकी कार राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर बास्ता थाना क्षेत्र में पहुंची, तो उन्हें पीछे से सायरन की आवाज सुनाई दी.
संतोष ने बताया कि उन्हें लगा कि ये सायरन किसी एम्बुलेंस का है, इसलिए उन्होंने तुरंत ही रास्ता दे दिया, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि ये सायरन राज्यमंत्री के काफिले का था. कुछ दूर जाने के बाद ये काफिला सड़क किनारे एक जगह रुक गया, जिसके बाद संतोष की कार ने राज्यमंत्री के काफिले को ओवरटेक किया और आगे की ओर निकल गए.
संतोष ने बताया कि पुलिस के साथ एस्कॉर्ट कार ने उनकी गाड़ी का 20 किलोमीटर तक पीछा किया. वे जलेश्वर में लखननाथ टोल गेट के पास पहुंच गए थे. यहां से उन्हें वापस बस्ता थाने लाया गया, जहां पांच घंटे तक उन्हें रखा गया. इसके बाद पुलिस ने पीआर बांड लेकर रजिस्टर में उनसे हस्ताक्षर कराये और आगे से मंत्री के काफिले को ओवरटेक करने की गलती न दोहराने की हिदायत देते हुए छोड़ दिया गया.
बस्ता पुलिस स्टेशन के प्रभारी अशोक नायक ने बताया कि राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी समीक्षा बैठक के लिए बालासोर जिले के बस्ता में आए थे. उन्होंने बताया कि राज्य मंत्री की एस्कॉर्ट कार उन्हें पकड़कर थाने लाईं थी. उनका मोटर अधिनियम के तहत चालान किया गया. वहीं संतोष ने बताया कि हमें नहीं पता था कि राज्य मंत्री का काफिला ओवरटेक करना अपराध है. पुलिस ने आगे से इस प्रकार की गलती न किये जाने और गलती मानने पर छोड़ दिया. वहीं, इस मामले पर सारंगी का कहना है कि वो तो सफ़र पर निकल गए थे. पुलिस ने मौके से भाग गए गाड़ी चालक को पकड़ा था. लेकिन बाद में मंत्री को जब पता चला कि पुलिस ने गाड़ी जब्त कर सवारियों को बैठा रखा है तो फोन कर मंत्री ने उनको छोड़ देने को कहा.