'...विनाशकारी साबित हो सकता है AI', बोले पद्म भूषण कमलेश डी पटेल

दो दिवसीय इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2023 का आज अंतिम दिन है. दूसरे दिन के सत्र की शुरूआत पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल के संबोधन से हुई. उन्होंने अध्यात्म से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए.

Advertisement
पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल (दाजी) पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी. पटेल (दाजी)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

पद्म भूषण से सम्मानित श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष, हार्टफुलनेस ध्यान के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक कमलेश डी. पटेल ने शुक्रवार को 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2023'  में शिरकत की. उन्होंने  बुद्धि और चेतना के बीच अंतर समझाया और कहा कि 'मास्टर ऑफ कैलिबर' कुछ भी कर सकता है, ये हकीकत है. उन्होंने कहा कि आज मशीनों के पास बुद्धि है, लेकिन मनुष्य के पास चेतना है. उन्होंने लंबे समय तक जिंदगी जीने के तरीके के रूप में योग और 'हार्टफुलनेस' की वकालत की.

Advertisement

बताया अध्यात्म का महत्व

पद्म भूषण दाजी कमलेश डी पटेल ने 'प्राणहुति' का अर्थ समझाते हुए कहा कि इसका अर्थ है शारीरिक जीविका के लिए संतुलित आहार लेना, अपने मन और आत्मा का पोषण करना है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस तरह सॉफ्टवेयर का हार्डवेयर के साथ मैच होना होना जरूरी है, ठीक उसी तरह बॉडी की वाइब्रेशन (तंरग) का स्प्रिचुएल वाइब्रेशन के साथ मैच होना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारा खान-पान भी हमारी सोच तय करता है.

एआई को लेकर कही बड़ी बात

क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानों हानिकारक साबित हो सकता है? दाजी कमलेश डी पटेल ने इसका जवाब देते हुए कहा,'एआई असाधारण (एक्स्ट्राऑर्डिनरी) हो सकता है लेकिन यह कभी भी हमारी चेतना (Consciousness) का विकल्प नहीं बन सकता है... मनुष्य का स्वभाव जानते हुए यह विनाशकारी साबित हो सकता है..' आध्यात्मिकता की राह अपनाने से संबंधित सवाल पर  दाजी कमलेश डी पटेल ने कहा कि हमें सबसे पहले आध्यात्मिकता की मूल बातें सीखने की जरूरत है.व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब वह छोटे थे तो अधीर थे और आधी रात को रोते थे. उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता के उच्च स्तर के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आपकी बुद्धि आपकी चेतना से मेल खाती हो.

Advertisement

योग के बारे में बात करते हुए दाजी ने कहा, 'ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी कहती है कि लगातार किसी के बारे में सोचना भी मेडिटेशन है. लेकिन यौगिक मेडिटेशन वो है तो जब दिमाग का विकास होता, ना कि फोकस्ड माइंड.योग में इसे समाधि कहते हैं. आपकी जगरूकता, आपके सोचने का तरीका योग के जरिए परिवर्तित होता है.'

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement