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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को झटका लगा है. उनके करीबी और पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने नई पार्टी बना ली है. उनकी पार्टी का नाम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्लियामेंटेरियन्स है.
खट्टक पीटीआई के महासचिव और खैबर-पख्तूनख्वा (केपीके) के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने नौ मई की हिंसा के तुरंत बाद पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था. हालांकि, पीटीआई ने पिछले हफ्ते कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में असफल रहने पर उनकी पार्टी सदस्यता रद्द कर दी थी.
खट्टक ने पेशावर में एक कार्यक्रम के दौरान नई पार्टी के गठन का ऐलान किया था. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें खैबर-पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री महमूद खान सहित 57 से अधिक पूर्व सांसदों के समर्थन है. महमूद खान और शौकत अली यूसुफजई सहित कई पूर्व प्रांतीय मंत्री भी खट्टक शिविर में शामिल होने वालों में से हैं.
नौ मई की हिंसा के बाद पीटीआई के ज्यादातर विधायकों ने पार्टी छोड़ी
खट्टक का कहना है कि पीटीआई के अधिकांश पूर्व विधायकों ने देश में नौ मई को हुई घटना के कारण पार्टी छोड़ दी है. खट्टक ने कहा कि हम नौ मई की घटना की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि पीटीआई सुप्रीमो की देशविरोधी भावनाओं ने पार्टी को उसके गढ़ खैबर-पख्तूनख्वा में नुकसान पहुंचाया, जहां उसने लगभग 10 सालों तक शासन किया.
जानकारों का कहना है कि खट्टक द्वारा खैबर-पख्तूनख्वा में 'पीटीआई पार्लियामेंटेरियन्स' के गठन से खान की पार्टी प्रांत में हाशिए पर चली जाएगी. नौ मई की घटनाओं के बाद से उनके खान के साथ अच्छे संबंध नहीं थे और हिंसा की निंदा नहीं करने के लिए उन्होंने लगातार पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा.
बता दें कि खट्टक 2013-2018 तक केपीके के मुख्यमंत्री रहे. पीटीआई ने 2013 के आम चुनावों में बहुमत के साथ चुनाव जीता था. 2013 में खैबर-पख्तूनख्वा देश का एकमात्र प्रांत था जहां पीटीआई सत्ता में आई थी. 2013 के चुनाव में केंद्र में पीएमएल-एन, सिंध में पीपीपी और बलूचिस्तान में जेयूआईएफ गठबंधन की सरकार बनी थी. खट्टक केपीके के एक वरिष्ठ राजनेता हैं जिन्होंने पीपीपी में भी काम किया और पिछली सरकारों के दौरान प्रांतीय मंत्री रहे.