
पाकिस्तान (Pakistan) अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सीमा पार से आतंकी भेजने के अलावा अब पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को अस्थायी प्रांतीय दर्जा देने की तैयारी में है. पाकिस्तान ने इसके लिए कानून भी तैयार कर लिया है. रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए यह बात सामने आई.
भारत ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में बताया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ-साथ गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र पूरी तरह से कानूनी आधार पर भारत का एक अभिन्न अंग है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार या उसकी न्यायपालिका का अवैध रूप से कब्जा किए गए इन क्षेत्रों पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डॉन न्यूजपेपर में रिपोर्ट किया गया है कि पाकिस्तान के कानून एंव न्याय मंत्रालय की तरफ से एक कानून प्रस्तावित किया गया है जिसके तहत गिलगित बाल्टिस्तान की सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय को खत्म कर, क्षेत्र के निर्वाचन आयोग को पाकिस्तान के चुनाव आयोग के साथ मर्ज किया जा सकता है.
पाकिस्तानी कानून मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक ’26वां संविधान संशोधन विधेयक’ शीर्षक वाले बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया. इसे प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज दिया गया है. जुलाई के पहले सप्ताह में संघीय कानून मंत्री बैरिस्टर फारोग नसीम को कानून तैयार करने जिम्मेदारी सौंपी थी.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के संविधान, अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, विशेष रूप से कश्मीर पर जनमत संग्रह, तुलनात्मक संवैधानिक कानूनों और स्थानीय कानून से संबंधित प्रस्तावों को पढ़ने के बाद यह ड्राफ्ट बिल तैयार किया गया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन पर गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सरकारों सहित हितधारकों से रायशुमारी की गई थी.